छात्रा की मौत पर शक के दायरे में परिजन
कस्तूरबा की छात्रा मौत मामले में उपायुक्त द्वारा गठित जांच टीम के सदस्य सारवां बीडीओ रूद्र प्रताप कार्यपालक दंडाधिकारी मिनाक्षी भगत ने गुरुवार को सुधा क्लिनिक व सदर अस्पताल पहुंचकर घटना की जांच की।
देवघर : कस्तूरबा की छात्रा मौत मामले में उपायुक्त द्वारा गठित जांच टीम के सदस्य सारवां बीडीओ रूद्र प्रताप, कार्यपालक दंडाधिकारी मिनाक्षी भगत ने गुरुवार को सुधा क्लिनिक व सदर अस्पताल पहुंचकर घटना की जांच की। टीम सबसे पहले सुधा अस्पताल पहुंची और यहां करीब एक घंटे से अधिक समय तक यहां के चिकित्सक डॉ. चितरंजन व डॉ. रवि रंजन से घटना के बारे में पूछताछ की। इस दौरान टीम को सीसीटीवी फुटेज, अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट, रेफर स्लीप, भर्ती का रिकॉर्ड, बच्चे के जन्म और उसे यहां से इलाज के लिए भेजे जाने से जुड़ा दस्तावेज, पुलिस व चाइल्डलाइन को दी गई लिखित सूचना आदि से जुड़े कागजात की फोटो कॉपी उपलब्ध कराई गई। इस दौरान दोनों चिकित्सकों का बयान भी दर्ज किया गया। चिकित्सकों ने टीम को बताया कि छात्रा को 27 दिसंबर दोपहर 2:50 बजे क्लिनिक में भर्ती कराया गया था। जांच के दौरान उसके पेट में 24 सप्ताह का बच्चा पाया गया। इसकी सूचना पांच बजे कुंडा थाना व चाइल्डलाइन को दी गई। इसका रिकॉर्ड अस्पताल में मौजूद पुलिस रजिस्टर में दर्ज है। एक लड़के का जन्म हुआ जिसे मृतका के पिता इलाज के लिए ले गए। दूसरे दिन सुबह करीब 9 बजे मृतका की हालत बिगड़ने पर उसे रेफर कर दिया गया, और वे लोग एंबुलेंस से छात्रा को लेकर सदर अस्पताल लेकर चले गए। यहां जांच करने के पश्चात टीम सदर अस्पताल पहुंची और यहां 28 तारीख की सुबह ड्यूटी पर मौजूद डॉ. प्रेम प्रकाश से पूछताछ की। डॉ. प्रेम प्रकाश ने बताया कि उसे करीब 9:30 बजे यहां लाया गया था। जांच करने पर उन्होंने उसे मृत पाया। उसके पश्चात 15 मिनट के अंदर ही साथ आए लोग शव को लेकर घर चले गए। उन्होंने बताया कि छात्रा को लेकर दो पुरुष व एक महिला अस्पताल आए थे। मौत से जुड़ा रिकॉर्ड अस्पताल के ब्राउट डेथ पंजी में दर्ज है। जांच टीम ने पंजी का फोटो कॉपी व सीसीटीवी फुटेज का रिकॉर्ड भी साथ ले गई है। अब तक की जांच सिर्फ मृतका के परिजन संदेह के घेरे में है। उनका बयान क्लिनिक व सदर अस्पताल में मौजूद दस्तावेज व सीसीटीवी फुटेज से बिल्कुल अलग है। ऐसे में मृतका के परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। जांच टीम जिसके अध्यक्ष एसडीओ विशाल सागर हैं अपना रिपोर्ट उपायुक्त को सौपेंगे और उनके निर्देश के आलोक में आगे की कार्रवाई की जाएगी।