बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने पर जेल
डीजीसीए ने रेड येलो और ग्रीन जोन बनाया है। रेड जोर वीवीआइपी इलाके होंगे। यह इलाका किसी भी तरह से ड्रोन के लिए प्रतिबंधित होगा। येलो जोन में उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक की अनुमति लेनी होगी जबकि ग्रीन जोन मुक्त होगा। नियम की अवहेलना करने वालों पर जुर्माना या तीन माह की सजा का प्रावधान है।
जागरण संवाददाता, देवघर : बिना प्रशासनिक इजाजत के ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल पर अब जेल की हवा खानी पड़ेगी, दंड लगेगा सो अलग। केंद्र से सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट के माध्यम से निर्धारित मापदंड व प्रावधानों के तहत असैनिक कार्यों के लिए ड्रोन कैमरे के इस्तेमाल को लेकर कई मानक तय किए गए हैं। इन मानकों को ध्यान में रखकर देवघर की उपायुक्त नैंसी सहाय ने ड्रोन कैमरा से फोटो लिए जाने के प्रावधानों को कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिया है। शुक्रवार को मामले की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि ड्रोन कैमरा से फोटो लेने से पहले अब प्रशासन से इजाजत लेनी होगी। केंद्रीय विमानन मंत्रालय ने कृषि, स्वास्थ्य, आपदा जैसे कार्यों के राहत के लिए ड्रोन नीति तय की है, जो एक दिसंबर 2019 से प्रभावी है। विभिन्न असैनिक कार्य, सर्वेक्षण, फोटाग्राफी, वीडियोग्राफी में रिमोटली पायलॉटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) का भी प्रयोग काफी बढ़ा है। ऐसे में इसके प्रयोग से अब डीसी व एसपी से अनुमति व संबंधित थाने को 24 घंटे पहले सूचना देना जरूरी है। इसके बावजूद भी अगर नियम के विरुद्ध ड्रोन उड़ाते पकड़े गए तो जुर्माना और जेल दोनों हो सकती है। देवघर में प्रभावी ढंग से होगा ड्रोन नीति का पालन
देवघर में प्रभावी ढंग से ड्रोन नीति का अनुपालन हो इसको लेकर उपायुक्त नैंसी सहाय ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दी है। उपायुक्त ने बताया कि एयरपोर्ट, राजकीय सीमा, मिलिट्री, सचिवालय, सरकारी कार्यालय, प्रतिबंधित क्षेत्र, सार्वजनिक इलाकों में ड्रोन नहीं उड़ाया जा सकता है। साथ ही राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्य के आसपास, पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्रों में भी पूर्व अनुमति के बिना ड्रोन नहीं उड़ा सकते हैं। डीजीसीए ने बनाया रेड, यलो और ग्रीन जोन
डीजीसीए ने रेड, येलो और ग्रीन जोन बनाया है। रेड जोन वीवीआइपी इलाके होंगे। यह इलाका किसी भी तरह से ड्रोन के लिए प्रतिबंधित होगा। यलो जोन में उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक की अनुमति लेनी होगी जबकि ग्रीन जोन मुक्त रहा गया है। नियम की अवहेलना जुर्माना या तीन माह की सजा का प्रावधान है।