एम्स में सफाईकर्मी, गार्ड एवं अटेंडेंट की बहाली में स्थानीय को मिलेगी प्राथमिकता
देवघर एम्स में तृतीय और चतुर्थवर्गीय बहाली में स्थानीय लोगों को रखने की मांग के बीच एम्स देवघ
देवघर: एम्स में तृतीय और चतुर्थवर्गीय बहाली में स्थानीय लोगों को रखने की मांग के बीच एम्स देवघर के कार्यकारी निदेशक सह सीईओ सौरभ वाष्र्णेय ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि एम्स में किसी तरह की कोई भर्ती नहीं हो रही है। यह बिल्कुल भ्रामक खबर है। यदि कोई नौकरी के नाम पर ठगने की कोशिश कर रहा है तो वह बताएं प्रबंधन उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएगा। ऐसे वह व्यक्ति भी स्वतंत्र है जिसे इस तरह के भ्रम में रखा जा रहा है वह भी संबंधित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा सकता है। निदेशक ने कहा कि सितंबर के अंतिम सप्ताह या अक्टूबर में आवश्यकता के अनुसार सफाईकर्मी, सुरक्षा गार्ड एवं अटेंडेंट के लिए निविदा निकाली जाएगी। यह आउट सोर्सिंग होता है। इसमें स्थानीय को प्राथमिकता दी जाएगी। यह भी स्पष्ट किया कि अभी भी पहले से आउट सोर्सिंग से आए सफाईकर्मी, माली, अटेंडेंट हैं उसमें 70 फीसद लोग स्थानीय हैं। सुरक्षा गार्ड में 40 फीसद स्थानीय हैं। यह व्यवस्था पटना एम्स की ओर से पहले से शुरू की गयी है।
कहा कि कुछ कुशल पद होते हैं जिसमें लैब टेक्निसियन, आडियोलाजिस्ट और इस तरह के तकनीकी जानकार उसमें प्रबंधन देखता है कि उसे हर हाल में कुशल और बेहतर कुशल लोग चाहिए। यह सारे भारत सरकार से तय मापदंड के आधार पर ही होते हैं। इसमें स्थानीय एम्स का कोई नियम कानून नहीं चलता है। कैंपस के अंदर जल्द ई रिक्शा की सुविधा कैंपस के अंदर ई रिक्शा की सुविधा बहाल की जाएगी ताकि बुजुर्गों या मरीजों को कम से कम परेशानी ओपीडी तक आने में हो। प्रबंधन लगातार इसके लिए प्रयास कर रहा है। निगम के नगर आयुक्त से बात हुई है, कोशिश जारी है। कोई और विकल्प देखा जा रहा है। आयुष भवन के बाहर शुद्ध पेयजल की सुविधा बहाल कर दी गयी है। धीरे धीरे सुविधाओं में इजाफा होगा। हर दिन कुछ नया और बेहतर करने के लिए मंत्रणा किया जा रहा है। भवन की संख्या बढ़ते ही सुविधाएं भी बढ़ने लगेगी। अगले सप्ताह से एक्स रे की सुविधा निदेशक ने कहा कि एक्स रे का ट्रायल रन चल रहा है। दो चार दिन तक ट्रायल पूरा होते ही मरीजों की सेवा में आ जाएगा। अभी अन्य जांच की सुविधा चल रही है। एक और सुविधा शुक्रवार से बहाल होगी जिसमें मरीज को दो बार निबंधन नहीं करना होगा। दरअसल अभी पंजीयन कराने के बाद मरीज ओपीडी में दिखाते थे। चिकित्सक ने जांच की सलाह दी तो उनको दुबारा कतार में लगकर पंजीयन नहीं कराना होगा। वहीं बगल के काउंटर पर बैंक के कर्मी रहेंगे और जांच की उचित राशि वहीं पर मरीज जमा कर देंगे। इससे उनकी परेशानी कम हो जाएगी। मौके पर डिप्टी डायरेक्टर अमरेंद्र कुमार, डा. एसआर पात्रा मुख्य रूप से थे।