ओजस्वी कवि थे रामधारी सिंह दिनकर
संवाद सहयोगी चितरा डीएवी पब्लिक स्कूल में ऑनलाइन राष्ट्रकवि दिनकर की 112वीं जयंती मनाई
संवाद सहयोगी, चितरा : डीएवी पब्लिक स्कूल में ऑनलाइन राष्ट्रकवि दिनकर की 112वीं जयंती मनाई गई। मौके पर कई कार्यक्रम का आयोजन कर उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत उनके तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर किया गया। मौके पर विद्यालय के प्राचार्य अजय कुमार सिंह ने छात्रों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि रामधारी सिंह दिनकर एक ओजस्वी राष्ट्रभक्त कवि थे। जहां एक ओर उनकी कविताओं में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रांति की पुकार है तो दूसरी ओर कोमल श्रृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है। इन्हीं दो प्रवृत्तियों का चरम उत्कर्ष उनकी कुरुक्षेत्र और उर्वशी नामक कृतियों में मिलता है। अपनी कृतियों रश्मिरथी, कुरुक्षेत्र, उर्वशी, हुंकार, परशुराम की प्रतीक्षा और हाहाकार के कारण अमर हैं। इस अवसर पर दिनकर द्वारा रचित कविता पाठ का आयोजन भी किया गया, जिसमें सत्यम कुमार, आर्या झा, निकिता कुमारी, गीता कुमारी, कुमारी साक्षी हलवाई आदि ने बड़े ही आकर्षक शैली में दिनकर की कविताओं की प्रस्तुति की।