इंटर की पढ़ाई के लिए छात्र-छात्राओं को नहीं जाना होगा दूर
जासं देवघर 11वीं व 12वीं की पढ़ाई के लिए छात्र-छात्राओं को आने वाले दिनों में लंबा सफर
जासं, देवघर : 11वीं व 12वीं की पढ़ाई के लिए छात्र-छात्राओं को आने वाले दिनों में लंबा सफर तय नहीं करना पड़ेगा।
प्लस टू विद्यालयों की अनुपलब्धता के चलते छात्रों को 11वी व 12वीं की पढ़ाई के लिए दूर स्थित विद्यालयों में जाना पड़ता है, इसमें खासतौर से छात्राओं को काफी मुश्किल होती है। छात्रों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए झारखंड सरकार ने दस हजार आबादी व प्रत्येक सात से आठ किमी की परिधि में प्लस टू विद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव राहुल शर्मा ने इससे संबंधित पत्र भी उपायुक्त, क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक को जारी कर दिया है।
चार सदस्यीय कमेटी लेगी निर्णय
शिक्षा सचिव ने पत्र में कहा है कि विभिन्न स्त्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार अभी भी छात्रों को प्लस टू की शिक्षा के लिए लंबी दूरी तय करना पड़ रहा है। ऐसे में राज्य सरकार ने दस हजार की आबादी पर तथा प्रत्येक सात से आठ किमी की परिधि में एक प्लस टू विद्यालय की सुविधा उपलब्ध कराने की नीति निर्धारित की है। इस बाबत सर्वेक्षण कराकर विभाग को प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें उपायुक्त अध्यक्ष, जिला शिक्षा पदाधिकारी सदस्य सचिव तथा जिला कल्याण पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक सदस्य होंगे। यह समिति सर्वे कराकर प्लस टू विद्यालयों के लिए प्रस्ताव तैयार कर विभाग को भेजेगा। लिया जाएगा प्रस्ताव
जिन उच्च विद्यालयों को प्लस टू में उत्क्रमित करने का प्रस्ताव लिया जाएगा, उससे संबंधित प्रतिवेदन में कई बातों का उल्लेख करना है। इसके तहत उस प्रखंड का नाम जहां विद्यालय अवस्थित है। विद्यालय के पास उपलब्ध भूमि, कमरों की संख्या, वर्ग नौ व दस में नामांकित छात्रों की संख्या, निकटतम प्लस टू विद्यालय का नाम व दूरी, निकटतम प्लस टू विद्यालय में 11वीं व 12वीं में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या आदि का उल्लेख करना है। देवघर जिले में वर्तमान में 58 प्लस टू विद्यालय के अलावा चार महाविद्यालयों में इंटर की पढ़ाई होती है। एक प्लस टू विद्यालय में तकरीबन 1400 छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं। आधारभूत संरचना मजबूत करने की मांग
झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेंद्र ठाकुर ने कहा कि प्लस टू विद्यालयों की संख्या बढ़ाया जाना तो ठीक है, लेकिन पूर्व से संचालित विद्यालयों में आधारभूत संरचना भी मजबूत करने की जरूरत है। प्लस टू विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की भी कमी है, जबकि प्राचार्य व उप प्राचार्य का पद स्वीकृत नहीं हुआ है, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अति आवश्यक है।