शक्ति की अराधना में डूबी बाबा बैद्यनाथ की नगरी
संवाद सूत्र देवघर नवरात्र का शुभारंभ शनिवार को हो गया। बाबा बैद्यनाथ की नगरी मां दुर्गा क
संवाद सूत्र, देवघर : नवरात्र का शुभारंभ शनिवार को हो गया। बाबा बैद्यनाथ की नगरी मां दुर्गा की आराधना में डूब गई है।
नवरात्र के पहले दिन पूजा समितियों व बाबा मंदिर में कलश स्थापित कर मां के प्रथम रूप शैलपुत्री की विधि-विधान से पूजा की गई। घरों में भी लोगों ने पूरे मनोयोग के साथ मां की पूजा करते हुए घर-परिवार के लिए मंगल कामना की। मानव समाज के लिए घातक बन चुके कोरोना से मुक्ति दिलाने की कामना भी की गई। अगले नौ दिनों तक बाबानगरी, मां की भक्ति में सराबोर रहेगा। पूजा समितियों द्वारा सरकार के दिशा निर्देशों का अनुपालन करते हुए मां की पूजा की जा रही है। सरदार पंडा गुलाब नंद ओझा द्वारा बाबा मंदिर प्रशासनिक भवन स्थित राधे-कृष्णा मंदिर में कलश स्थापित कर विधिवत पूजा की गई। संकल्प लेकर मां की पूजा आराधना शुरू की गई। हवन कुंड में आहूति दी गई। पूजा में उपस्थित आचार्य पिकू महाराज, दुर्गा प्रसाद गुलाब, महाराज भक्ति नाथ फलाहारी, बाबा झा व पुजारी छोटेलाल झा ने बाबा बैद्यनाथ पर घी अर्पित किया। सरदार पंडा ने लोगों से अपील की है कि इस कोरोना संक्रमण में घरों में ही माता की आराधना करें। मंदिर में भीड़भाड़ अधिक ना लगाएं व सरकार के दिशा निर्देशों का अनुपालन करें।
कोरोना से मुक्ति के लिए हुई प्रार्थना
धरना वैदिक मंडली की ओर से कोरोना संक्रमण से मुक्ति की कामना के साथ बाबा मंदिर प्रांगण स्थित धरना स्थल पर कलश स्थापित कर पूजा की जा रही है। आचार्य सुधीर नरौने, पुजारी सरोज नरौने, छोटू ठाकुर, मोनू व समस्त वैदिक धरना मंडली के सदस्य द्वारा कलश स्थापित किया गया और नौ दिनों तक निरंतर चंडी पाठ व गणेश स्तुति की जाएगी। इसमें माता से आराधना की जा रही है कि कोरोना से पूरे देश को मुक्त कराएं। बालानंद आश्रम में हुआ कन्या पूजन
बालानंद आश्रम में परंपरा के अनुसार पहले दिन से ही माता की आराधना प्रतिमा स्थापित कर शुरू हो जाती है। 21 वैदिक पंडितों द्वारा पूजा-अर्चना कर मां को महास्नान व कन्या पूजन कराया गया। इसके बाद मां दुर्गा की प्रतिमा की पूजा शुरू की गई। स्वामी संविदानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि आश्रम में पहले घाट पूजा की जाती थी। 80 साल से मोहनानंद ब्रह्मचारी द्वारा मूर्ति पूजा की शुरुआत की गई। इसमें प्रत्येक दिन कन्या पूजा की जाती है। आज के दिन देश-विदेश के श्रद्धालु आश्रम में आते थे, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण को लेकर आश्रम की ओर से अपील की गई है कि सभी श्रद्धालु अपने स्थान से ही माता की आराधना करें और कोरोना से बचें।