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मनरेगा से संचालित योजनाओं में गड़बड़ी उजागर, उपायुक्त से कार्रवाई की होगी मांग

सारठ (देवघर) सारठ प्रखंड क्षेत्र में संचालित मनरेगा में जमकर अनियमितता हो रही है। ग्रामीणों के मुताबिक 14 वें वित्त आयोग की राशि संचालित योजनाओं में गड़बड़ी की जा रही है। योजनाओं की मापी पुस्तिका कनीय अभियंता के अपने आवास में रखते हैं और बिचौलियों से अवैध राशि की वसूली करने के बार मापी पुस्तिका भरते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 06:38 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 06:38 PM (IST)
मनरेगा से संचालित योजनाओं में गड़बड़ी उजागर, उपायुक्त से कार्रवाई की होगी मांग
मनरेगा से संचालित योजनाओं में गड़बड़ी उजागर, उपायुक्त से कार्रवाई की होगी मांग

सारठ (देवघर) : सारठ प्रखंड क्षेत्र में संचालित मनरेगा में जमकर अनियमितता हो रही है। ग्रामीणों के मुताबिक 14 वें वित्त आयोग की राशि संचालित योजनाओं में गड़बड़ी की जा रही है। योजनाओं की मापी पुस्तिका कनीय अभियंता के अपने आवास में रखते हैं और बिचौलियों से अवैध राशि की वसूली करने के बार मापी पुस्तिका भरते हैं। प्रमुख रंजना देवी द्वारा सोमवार को कचुवाबांक पंचायत में मनरेगा से संचालित योजनाओं की जांच में कई अनियमितता को पकड़ा है। वहीं पंचायत के ग्रामीणों ने कनीय अभियंता कुणाल किशोर की मनमानी के बारे में प्रमुख से शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है। प्रमुख ने कहा कि कचुवाबांक के अलावा बगड़बरा, पलमा समेत कई पंचायतों में भी जेई कुणाल किशोर के द्वारा योजना में पैसा लेकर गलत बिल बनाने की शिकायत की गई है। ग्रामीणों ने कहा है कि शीघ्र ही इस मामले में उपायुक्त व उप विकास आयुक्त से मिलकर कार्रवाई की मांग की जाएगी। इन योजनाओं में पकड़ी गई अनियमितता : पंचायत के ग्राम लोधरा में पूर्व से बने खेत में ही समतलीकरण योजना पास कराकर सरकारी राशि का बंदरबांट किया जा रहा है। लाभुक शीतल बास्की को वर्ष 2018-19 में समतलीकरण योजना स्वीकृत हुआ है। जिसमें 318 मानव दिवस सृजित करना है। उक्त योजना पूर्व से बने खेत में किया गया है। सिर्फ मेढ़ के बगल की मिट्टी उठाई गई है। खेत में लगे घास को छिलकर योजना की खानापूर्ति की गई है। प्रमुख द्वारा पूछताछ में पता चला कि बिचौलिया द्वारा मनरेगा कर्मियों व जेई से मिलकर सरकारी राशि का बंदरबांट किया जा रहा है। योजना में 25 हजार रुपए भुगतान भी हो गया है। जबकि इस अनुपात में काम नहीं हुआ है। वहीं जेई ने अभी तक एमबी भी नहीं बनाया है। लोधरा गांव के ही लाभुक गमाल बेसरा के नाम से 100 गुणा 100 डोभा स्वीकृत हुआ है। इसकी प्राक्कलित चार लाख 33 हजार 686 रुपया है। उक्त योजना बिचौलिया द्वारा किया जा रहा है। योजना में गड़बड़ी है। वहीं कपसा गांव में भी 4,33,686 रुपए कि लागत से लाभुक तिलकधारी राय के नाम से स्वीकृत 100 गुणा 100 डोभा का निर्माण बिचौलिया द्वारा किया जा रहा है। पूर्व से बने गड्ढे में डोभा का निर्माण करा दिया है। योजना में सवा लाख रुपये भुगतान भी कर दिया गया है। लेकिन अभी तक जेई ने एमबी नहीं बनाया है। कचुवाबांक में लाभुक मुनीस रजा को एक 100 गुणा 100 का डोभा मिला है। इस योजना में 80 हजार रुपए का भुगतान हो गया है, लेकिन इस योजना का दस्तावेज अधूरा ही है। इस योजना में भी विपत्र नहीं बनाया गया है।

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क्या कहते हैं रोजगार सेवक : रोजगार सेवक रामदेव दास से पूछने पर बताया कि जेई कुणाल किशोर बिचौलया को अपने रुम में बुलाकर विपत्र बनाते हैं। सूचना देने के बाद भी कार्य स्थल पर नहीं जाते है। मिसराडीह में आंगनबाड़ी पूर्ण होने में लगभग एक साल हो गया। जेई को एमबी दिये आठ माह से अधिक हो गया लेकिन अभी तक विपत्र नहीं बनाया है। पैसे की मांग किया जा रहा है।

क्या कहते हैं मुखिया : मुखिया अब्दुल मियां ने कहा कि जेई बिचौलिया प्रथा को बढ़ावा दे रहे हैं। पंचायत से काफी शिकायतें मिल रही है। सारा एमबी आने पास रखते हैं। जांच में मिली गड़बड़ी, डीसी व डीडीसी को सौंपेंगे रिपोर्ट : प्रमुख रंजना देवी ने कहा कि पंचायत में संचालित मनरेगा योजना में सभी कोई मिलकर बंदरबांट कर रहे हैं। कोई अधिकारी जांच नहीं करते है। योजना में एक लाख से अधिक का भुगतान हो गया है लेकिन जेई द्वारा विपत्र नहीं बनाया गया है। सारा योजना बिचौलिया द्वारा किया जा रहा है।


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