सड़क हादसे में बालक की मौत, ट्रांसपोर्टिग ठप
संस निरसा एमपीएल में कोयला ट्रांसपोर्टिग में लगे हाइवा की चपेट में आने से बुधवार की संध्या
संस, निरसा : एमपीएल में कोयला ट्रांसपोर्टिग में लगे हाइवा की चपेट में आने से बुधवार की संध्या पांड्रा निवासी 12 वर्षीय बालक रहमत काजी की मौत हो गई। मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीणों ने खुशरी मोड़ के समीप एमपीएल की ट्रांसपोर्टिग ठप कर दी है। घटना की सूचना पाकर निरसा पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई है। हाइवा को पुलिस ने जब्त कर लिया है। हादसे के बाद हाइवा का चालक एवं सहचालक फरार हो गया है। सूचना पाकर विधायक अरूप चटर्जी घटनास्थल पर पहुंचे है।
यह है मामला : स्थानीय लोगों ने बताया कि 12 वर्षीय रहमत काजी महामाया मंदिर की ओर से अपने घर आने के लिए सड़क पार कर रहा था। इसी बीच कोयला लेकर आ रहा हाइवा संख्या संख्या जेएच 10 डीक्यू 6462 ने बालक को अपनी चपेट में ले लिया। हाइवा की चपेट में आने से बालक गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोग उसे निजी अस्पताल ले गए। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्थानीय लोग खुशरी मोड़ के समीप मृतक का शव रखकर प्रदर्शन करने लगे। बालक का पिता काबिल काजी दैनिक मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता हैं। दो भाई, एक बहन में वह सबसे बड़ा था।
नो एंट्री के समय हाइवा से कोयला उतारने के क्रम में हुआ हादसा : कुछ लोगों का कहना है कि रहमत काजी नो एंट्री के दौरान कोयला लदे हाइवा से कोयला उतार रहा था। इसी बीच नो एंट्री समाप्त हो गई। चालक हाइवा को लेकर जाने लगा। इसी क्रम में काजी हाइवा के पिछले चक्के के नीचे आ गया। इसके कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया। बाद में उसकी मौत हो गई। समाचार लिखे जाने तक ट्रांसपोर्टिग ठप है। इनसेट......
नो एंट्री के दौरान हाइवा से उतारा जाता है कोयला : कुछ लोगों का कहना है कि सुबह सात से 9 बजे तक एवं संध्या साढ़े पांच से साढ़े छह बजे तक नो एंट्री लगी रहती है। इस दौरान निरसा जामताड़ा रोड पर ट्रांसपोर्टिग ठप रहती है। नो एंट्री के कारण कोयला लदा हाइवा महामाया मंदिर से लेकर महताडीह कॉलोनी के बीच खड़ा रहता है। इस दौरान खड़े हाइवा से स्थानीय लोग कोयला उतारते हैं। कोयला उतारने के क्रम में यह हादसा हुआ।
ट्रैफिक गार्ड के नाम पर लूट की छूट : एमपीएल की कोयला ट्रांसपोर्टिग कंपनी द्वारा सुरक्षा के लिए एमपीएल गेट से लेकर खुदिया फाटक तक लगभग डेढ़ सौ सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं। परंतु पांड्रा मोड़ एवं सिदरी मोड़ के अलावे कहीं भी सुरक्षाकर्मी नजर नहीं आते हैं। आखिरकार इतनी संख्या में सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं। लेकिन सुरक्षाकर्मी कहां रहते हैं एवं क्या करते हैं। इसका हिसाब लेने वाला कोई नहीं है। जानकारों के अनुसार सुरक्षाकर्मी के नाम पर हाइवा एसोसिएशन के कुछ लोग पैसे लेते हैं। परंतु सुरक्षाकर्मी नदारद रहते हैं।
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