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शव को रौंदती रहीं ट्रेनें, सीमा तलाशता रहा सिस्टम

संवाद सूत्र, मधुपुर (देवघर) : दो देशों के बीच बनी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से अ

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 07:28 AM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 07:28 AM (IST)
शव को रौंदती रहीं ट्रेनें, सीमा तलाशता रहा सिस्टम
शव को रौंदती रहीं ट्रेनें, सीमा तलाशता रहा सिस्टम

संवाद सूत्र, मधुपुर (देवघर) : दो देशों के बीच बनी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से अधिक संवेदनशील होते हैं राज्य पुलिस, आरपीएफ व जीआरपी के जवान। अपने सीमा क्षेत्र को लेकर ये इतने संवेदनशील होते हैं कि अगर हादसे में किसी की मौत हो जाए तो क्या मजाल है कि बिना सीमा का निर्धारण किए कोई उस शव का वहां से हटा ले। जी हां, आपको अगर भरोसा नहीं होता तो मंगलवार को मधुपुर-जोड़ामोड़ रेलमार्ग की घटना भरोसा करने को मजबूर कर देगी। यहां जो कुछ हुआ इससे मानवता शर्मसार हुई। रेल पटरी पर एक महिला के शव को ट्रेनें रौंदती रहीं और आरपीएफ व नगर थाना की पुलिस सीमा विवाद में उलझती रही।

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क्या है मामला : मंगलवार को मधुपुर-जोड़ामोड़ रेलमार्ग पर पोल संख्या 291/10-8 के समीप डाउन रेल लाइन से गुजर रही ट्रेन से कटकर 40 ंवर्षीय एक अज्ञात महिला की मौत हो गई थी। हादसे की जानकारी होते ही बड़ी संख्या में आसपास के लोग घटनास्थल पर जुट गए। शव की हालत इतनी खराब थी कोई भी लोग महिला को पहचान नहीं पाया। पीडब्ल्यूआइ विभाग के ट्रैकमैन अजीत कुमार ने हादसे की जानकारी मधुपुर स्टेशन मास्टर को दी। सूचना पर स्टेशन मास्टर ने लिखित में शव को पटरी से हटाने के लिए आरपीएफ व जीआरपी को एक मेमो दिया। आरपीएफ और नगर थाना के सीमा विवाद की वजह से काफी देर तक शव पटरी पर पड़ा रहा। इस दौरान शव के ऊपर से ट्रेनें गुजरती रहीं। सीमा को लेकर रेल पुलिस का कहना था कि शव आउटर सिग्नल के बाहर है। इसीलिए मामला नगर थाना क्षेत्र है जबकि नगर पुलिस का कहना था कि हादसा सिग्नल के अंदर हुआ है। काफी देर दोनों थानों की पुलिस के बीच विवाह चलता रहा। इसके बाद वरीय पदाधिकारी को हस्तक्षेप करना पड़ा। वरीय अधिकारी के निर्देश के बाद रेल पुलिस ने पंचनामा तैयार कर शव को पटरी से उठाया। बता दें कि इससे पहले भी सीमा विवाद को लेकर घंटों शव पटरी पर पड़ा रहा था। उस मामले में भी वरीय पदाधिकारी को हस्तक्षेप करना पड़ा था।


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