मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 30 को धरना-प्रदर्शन
संवाद सूत्र चितरा श्रम कानून में बदलाव के विरोध में एसपी माइंस के कोयला कर्मियों ने रविवार
संवाद सूत्र, चितरा : श्रम कानून में बदलाव के विरोध में एसपी माइंस के कोयला कर्मियों ने रविवार को वर्कशॉप गेट पर मीटिग की। बैठक में तय किया गया कि 30 सितंबर को नौ सूत्री मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। जानकारी के मुताबिक गिरजा तुलसी डाबर व वर्कशॉप के कामगारों ने केंद्र सरकार के प्रस्तावित श्रम कानून में बदलाव को लेकर यह बैठक की है जिसमें कई ने अपना विचार व्यक्त किया। वक्ताओं ने कहा कि उनकी लड़ाई किसी सरकार विशेष से नहीं बल्कि मजदूर विरोधी नीतियों और कानून से है। केंद्र सरकार लगातार कोयला उद्योग में कार्यरत कामगारों हितों के खिलाफ कदम उठा रही है। श्रमिक अधिकारों में कटौती, सुविधाओं में कटौती, मजदूरों की छंटनी, कोयला खदानों का निजीकरण, कोल इंडिया में विनिवेश आदि सारे कार्य केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति के पुख्ता सबूत हैं। इतना ही नहीं राष्ट्रीयकरण के पूर्व जो स्थिति कोयला मजदूरों के समक्ष थी वही आउटसोर्स कंपनी में कार्यरत मजदूरों के साथ लागू है। मजदूरों से आठ घंटे के बदले 12 घंटे काम लिए जा रहे हैं, जबकि वेतन समझौते के अनुसार उन्हें भी हम सभी स्थाई मजदूरों जैसी सारी सुविधाएं मिलनी थी। आउटसोर्स कंपनियों में मजदूरों का शोषण हो ही रहा है। शोषण का चाबुक सभी स्थाई मजदूरों पर भी चलने लगा है। केन्द्र सरकार अब अनुकंपा के आधार पर श्रमिकों के आश्रितों को नौकरी देने के बजाय अलग-अलग नियम बनाने पर आमादा है। इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। यह बिल संसद के दोनों सदनों में पारित हो जाती है तो कोयला कर्मियों के जीवन का काला अध्याय प्रारंभ हो जाएगा। समय रहते श्रम कानून में बदलाव के प्रस्तावित स्वरूप के खिलाफ मजदूर गोल बंद नहीं हुए तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी। ऐसे में 30 सितंबर को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। मौके पर पशुपति कोल, होपना मरांडी, श्यामसुंदर तिवारी, रामदेव सिंह, डोमन कुमार दे, सुधीर मल्लिक समेत अन्य लोग मौजूद थे।