बंगाल के छऊ नृत्य नाटिका ने लोगों का मन मोहा
स्थानीय कोलियरी परिसर व सहरजोरी गांव में बुधवार को पश्चिम बंगाल के पुरूलिया की छऊ नृत्य दल ने महिषासुर वध की प्रस्तुति दी।
चितरा : स्थानीय कोलियरी परिसर व सहरजोरी गांव में बुधवार को पश्चिम बंगाल के पुरूलिया की छऊ नृत्य दल ने महिषासुर वध की प्रस्तुति दी। इस नृत्य नाटिका के माध्यम से कलाकारों ने संदेश दिया कि आसुरी शक्तियां देवी शक्तियों के सामने टिक नहीं पाती हैं। आसुरी प्रवृत्ति का विनाश कालांतर में हो ही जाता है। कहते हैं कि जब जब धर्म की हानि होती है। अत्याचार का बोलबाला कायम हो जाता है। पापाचार सर्वत्र सर उठाने लगता है। ऐसी स्थिति में देवी शक्तियों का प्रादुर्भाव होता है। ऐसी शक्तियां आसुरी शक्तियों को धरती से नामोनिशान मिटा देती है। फिर धर्म का पताका लहराता है। लोग अमन चैन से जीते हैं। इस नृत्य नाटिका के माध्यम से छऊ नृत्य दल के कलाकारों ने ऐसा ही ²श्य सैकड़ों दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया। महिषासुर देत्य ने तपस्या करके आमोद शक्ति प्राप्त कर ली। उस शक्ति का दुरुपयोग करना प्रारंभ कर दिया। उसके अत्याचार से सभी कांप जाते थे। वह अपना हुकूमत कायम करना चाहता था। उसके उत्पात से सभी त्रस्त थे। ऐसी स्थिति में मां दुर्गा का अवतार हुआ। सभी शक्तियों से संपन्न माता ने महिषासुर वध कर उसके त्रासदी से सबों को मुक्त किया। मौके पर बाउल संगीत के सुप्रसिद्ध गायक बादल पाल, हीरालाल यादव, संतलाल रजक, मनोज भोक्ता, नवल सिंह, भूदेव चंद्र महतो, धर्मेंद्र राय, मृत्युंजय राय, उदय सिंह, प्रसोनजीत पाल, प्रकाश यादव, काजल अड्डी समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।