छठव्रतियों ने अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देकर की आराधना
देवघर चैती छठ कर रहे व्रतियों ने गुरुवार को देवघर समेत आसपास के विभिन्न तालाबों में
देवघर : चैती छठ कर रहे व्रतियों ने गुरुवार को देवघर समेत आसपास के विभिन्न तालाबों में अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देकर
सूर्य की आराधना की। शुक्रवार को व्रती उदयीमान भास्कर को अर्घ्य देंगे और इसके उपरांत पारण के साथ इस महापर्व का समापन करेंगे। गुरुवार को
अर्घ्य देने के लिए देवघर के शिवगंगा, माथाबांध समेत अन्य तालाबों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इस दौरान समूचा इलाका छठ गीतों से गुंजायमान रहा। जसीडीह के कजरिया कॉलोनी समेत अन्य मोहल्ले में भी श्रद्धालु अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचे। छठ घाट पर पंडाल बनाकर भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित की गई है। वहीं मधुपुर, सारठ, करौं, पालोजोरी, मारगोमुंडा, चितरा, जसीडीह सहित अन्य स्थानों में भी यह पर्व आस्था के साथ मनाया जा रहा है। चैती छठ पूजा समिति के द्वारा शिवगंगा घाट की सफाई, बिजली पानी व शिवगंगा तालाब के चारों ओर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए निश्शुल्क स्टाल लगाया गया है। पंडा धर्मरक्षिणी की ओर से भी शिविर लगाया गया था। व्रतियों की सुविधा के लिए सूचना केंद्र भी बनाया गया था। शिविर में छठ व्रत के मौके पर तैयार स्मारिका का वितरण किया गया। अध्यक्ष जीतू कसेरा व कोषाध्यक्ष पिटू के द्वारा आय-व्यय की जानकारी समिति के सदस्यों को दी गई। समिति के संरक्षक रवींद्रनाथ खवाड़े, नंदकिशोर गुप्ता, मणिशंकर केशरी, गौरीशंकर चौधरी, सचिव पिटू केशरी, मुकेश गुप्ता, उत्तम केशरी, विष्णु केशरी, गोपाल केशरी, सानू, रवि कुमार, सत्यम समेत कई सदस्य श्रद्धालुओं की सेवा में लगे हुए थे। जिला प्रशासन के द्वारा शिवगंगा तट के चारों ओर सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई है।
दोपहर के बाद से ही शिवगंगा पर यातायात पुलिस की तैनाती की गई थी। वाहनों को सीता होटल, लक्ष्मीपुर चौक, बीएन झा पथ के पास रोक दिया गया था ताकि छठव्रतियों को परेशानी नहीं हो।
वहीं झील पोखर छठ घाट में गुरुवार को छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। झील पोखर छठ घाट पूरी तरह सूख जाने के बाद उसी तालाब में झील पोखर छठ घाट पूजा समिति द्वारा खुदाई कर प्लास्टिक का तिरपाल बिछाकर टैंकर के माध्यम से पानी भरा गया। जिसमें व्रतियों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया। छठ घाट पर भगवान सूर्य देव की प्रतिमा पंडाल में स्थापित की गई है। घाट को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। रोशनी की मुकम्मल व्यवस्था की गई है। छठ घाट पर विभिन्न संगठनों द्वारा दूध, फल, चाय, कॉफी पानी का निशुल्क वितरण की व्यवस्था की गई है। अच्छी बात यह है कि कार्तिक मास में होने वाले सूर्य उपासना का महापर्व छठ की तुलना में चैती छठ करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम होती है जो राहत देने वाली थी।