करवट बदल रहा देश, धर्म-संस्कृति सीख रहा विदेश
जागरण संवाददाता, देवघर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसवाले ने कह
जागरण संवाददाता, देवघर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसवाले ने कहा कि देश करवट ले रहा है। विश्व के समक्ष गौरव का स्थान बना है। जर्मनी, इंग्लैंड के विवि में संस्कृत की पढ़ाई हो रही है। हमारे आध्यात्म, धर्म-संस्कृति एवं भाषा के अध्ययन एवं शोध पर चर्चा हो रही है। दत्तात्रेय देवघर के कबिलासपुर स्थित हनुमान शिक्षा केंद्र परिसर में 2 फरवरी से होनेवाले हनुमान महोत्सव के लिए भूमि पूजन करने यहां पधारे थे।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में ¨हदू परिवार के बच्चे श्रीमद्भागवत गीता पर अंताक्षरी खेल रहे हैं। विश्व भारत की संस्कृति के भंडार को अपनी तरफ लेने को आगे बढ़ रहा है। ऐसे में हमें ऐसी भावी पीढ़ी तैयार करनी होगी जो भारत का यशोगान लोगों तक पहुंचाए। भारत को जीने और भारत के लिए जीने वाली पीढ़ी तैयार करनी होगी। आरएसएस यही कार्य कर रहा है। नई पीढ़ी भारत माता के कीर्तिमान को लेकर आगे बढ़े ऐसा संकल्प लेकर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि आज मनुष्यों के बीच दरार पैदा करने का प्रयास हो रहा है। लोग अहंकार से वशीभूत होकर दूसरों को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। यह काम मनुष्य का नहीं है।
सह सरकार्यवाह ने कहा कि मनुष्य को केवल अपना कर्तव्य करना चाहिए। कर्तव्य एवं परिश्रम के बाद ईश्वर पर भरोसा करना चाहिए। जब कोई संकल्प के साथ परिश्रम करता है तो सफलता अवश्य मिलती है। हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए। मनुष्य को प्रकृति से सीखना चाहिए कि किस तरह फलदार वृक्ष झुक जाता है। श्रीराम एवं हनुमान के कुछ प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया के लिए हनुमानजी का जीवन आवश्यक है। भारतीय ¨चतन में राम-हनुमान एक तत्व हैं। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि त्याग एवं सेवा के बिना भारत नहीं है। परोपकार एवं समाज बोध को लेकर किए जा रहे सेवा फाउंडेशन के पहल को सराहा। उन्होंने कथा व्यास प्रदीप भैयाजी के त्याग को रेखांकित किया।
हर घर से निकलेगी कलशयात्रा : 2 से 6 फरवरी तक चलने वाले हनुमान महोत्सव में हर घर से कलशयात्रा निकलेगी। कार्यक्रम में श्रम नियोजन मंत्री राज पलिवार, विधायक नारायण दास, समिति के पदाधिकारी डॉ. संजय, अभय सर्राफ, प्रदीप बाजला, रमेश बाजला, संजय मिश्रा मंचासीन थे। अतिथियों ने कैलेंडर का भी लोकार्पण किया। संचालन प्रेमप्रकाश चौबे एवं आभार डॉ. एनडी मिश्रा ने प्रकट किया।