कंकड़ में भी शंकर का दर्शन कराता हिदू धर्म
संवाद सहयोगी सारठ (देवघर) प्रखंड के तालझारी दुर्गा मंदिर में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा से पूरे क्षेत्र का माहौल भक्तिमय बना हुआ है। प्रसिद्ध कथावाचक उज्जवल शांडिल्य जी महाराज ने मंगलवार को कथावाचन करते हुए कहा कि सनातन धर्म संपूर्ण श्रृष्टि में ईश्वर का दर्शन कराता है यह विशेषता और किसी धर्म अथवा पंथ में नहीं है।
सारठ (देवघर) : प्रखंड के तालझारी दुर्गा मंदिर में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा से पूरे क्षेत्र का माहौल भक्तिमय बना हुआ है। प्रसिद्ध कथावाचक उज्जवल शांडिल्य जी महाराज ने मंगलवार को कथावाचन करते हुए कहा कि सनातन धर्म संपूर्ण श्रृष्टि में ईश्वर का दर्शन कराता है, यह विशेषता और किसी धर्म अथवा पंथ में नहीं है। हिदू धर्म कंकड़ में भी शंकर का दर्शन कराता है। भगवान कृष्ण ब्रज में अवतरित हुए तो उन्होंने अपनी लीलाओं के माध्यम से आकाश, पृथ्वी, जल, वायु, अग्नी व अन्य तत्वों की शुद्धि की। इसी कारण सनातन धर्म शुद्धिकरण का विशेष महत्व है। महाराज जी ने कहा कि मनुष्य के बाहर की पवित्रता स्नान से तो अंदर की प्राणायाम से होती है। लेकिन अंत:करण की शुद्धता तो भागवत कथा सुनने से ही होती है। भागवत कथा सुनने मात्र से वासना रूपी गंदगी मन से बाहर निकल जाता है। जैसे मनुष्य साफ सुथरे घर में रहना पसंद करता है उसकी तरह उसी व्यक्ति के मन पर वास करते हैं जोकि निर्मल व पवित्र होता है। राजा परीक्षित की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा राजा ने एक ऋषि के गले में मरा हुआ सांप डाल दिया था। इस कृत से क्रोधित होकर ऋषि ने सातवें दिन उन्हें मरने का श्राप दे दिया था। इससे दुखी होकर राजा परीक्षित राजपाट छोड़कर कर वन में चले गए। वहां उन्होंने संतों का संगत किया और भागवत कथा सुनकर अमर हो गए। हरिकथा रूपी नाव ही मनुष्य को भवसागर सरलता से पार सकता है। यज्ञ के आयोजन में आयोजन समिति के अध्यक्ष संजीव, शंकर सिंह, लखन तिवारी, प्रमोद सिंह, जितेन्द्र सिंह, शिवानंद तिवारी, उदयशंकर सिंह, अजीत तिवारी, रूपेश, रितेश, पवन सिंह, शेखर सिंह, प्रदीप सिंह, संजीत सिंह पूरे मनोयोग से जुटे हैं।