मुकम्मल सुरक्षा के साथ आस्था की डोर हो मजूबत
अनलॉक-1 में आठ जून से सशर्त धार्मिक स्थलों में छूट देने की इजाजत के बाद उम्मीद है कि लोगों की आस्था एक बार फिर से अपने इष्ट के दर दस्तक देने पहुंचेगी।
देवघर : केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अनलॉक-1 में आठ जून से सशर्त धार्मिक स्थलों में छूट देने की इजाजत के बाद उम्मीद है कि लोगों की आस्था एक बार फिर से अपने इष्ट के दर दस्तक देने पहुंचेगी। केंद्र सरकार ने धार्मिक स्थलों के मसले पर राज्य सरकारों को अपने हिसाब से व्यवस्था बहाल करने की भी छूट दी है। इसके बाद धार्मिक स्थलों को खोले जाने के मसले पर देवघर में भी इसकी चर्चा शुरू हो गई है। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला समेत देवघर और बासुकीनाथ में सुरक्षा के साथ आस्था की डो मजबूत हो इसको लेकर इसकी अपनी-अपनी राय है। रविवार को इस मसले पर दैनिक जागरण की ओर से पंडा धर्मरक्षिणी महासभा एवं राजनीतिक दल के नेताओं ने सुझावों के साथ अपनी बातें रखीं। पढि़ए बातचीत के प्रमुख अंश। स्थायी तौर पर लागू हो अरघा सिस्टम
सुरक्षा अहम है। इसलिए देवघर और बासुकीनाथ में श्रावणी मेला से पूर्व ही स्थायी तौर पर अरघा सिस्टम लागू किया जाए। मंदिर के गर्भगृह में चिह्नित पुरोहितों का प्रवेश और श्रृंगार व आरती में भी इनकी संख्या निर्धारित कर दी जाए। शारीरिक दूरी का पालन और खासकर श्रावणी मेला के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर टाइम स्लॉट सिस्टम को भी अभी से ही प्रयोग में लाने की शुरुआत होनी चाहिए। स्वास्थ्य सेवाओं को दायरा बढ़ाकर देवघर में मां ललिता हॉस्पिटल के अलावा भी एक विशेष कोविड-19 अस्पताल की व्यवस्था होनी चाहिए।
डॉ. निशिकांत दुबे, सांसद, गोड्डा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता में हो
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बाबा मंदिर श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष हैं। बैद्यनाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा की गारंटी प्राथमिकता में तय होनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि सबसे पहले श्राइन बोर्ड की बैठक बुलाई जाए और सबके सुझावों को ध्यान में रखते हुए मुकम्मल प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था की नीति तैयार करने के बाद अग्रतर पहल किया जाए। बैठक में श्रावणी मेला के मद्देनजर भी ठोस निर्णय लिये जाएं और तब मेला की तैयारियां शुरू की जाए।
डॉ. सुरेश भारद्वाज, सदस्य, श्राइन बोर्ड, बाबा मंदिर, देवघर। सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण कड़ी
गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुरूप ही तैयारियां होनी चाहिए। सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। संक्रमण फैलने के खतरों से इन्कार नहीं किया जा सकता है। दूसरे तीर्थ स्थलों की भौगोलिक परिस्थितियां देवघर मंदिर से भिन्न हैं। राज्य सरकार को मुकम्मल तैयारियां करके ही इस दिशा में निर्णय लेने की जरूरत है। श्रावणी मेला की तैयारियों को लेकर भी व्यापक नीति काफी सोच-समझ कर बनाना होगा। शारीरिक दूरी का पालन सबसे अहम होना चाहिए।
कार्तिकनाथ ठाकुर, महामंत्री, पंडा धर्मरक्षिणी महासभा देवघर। लोकहित में सरकार करे निर्णय
कोविड-19 के संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार को निर्णय लेने की दरकार है। लोकहित में सरकार निर्णय ले लेकिन सबकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही पहल हो। देवघर में श्रद्धालुओं के आवागमन और पूजा-पाठ के कारण ही पुरोहित समेत अन्य वर्ग का जीवनयापन चलता है। ऐसे में मुख्यमंत्री को चाहिए कि शारीरिक दूरी का अनुपालन करते हुए मंदिर में पूजा-अर्चना का आदेश दें ताकि अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सके।
डॉ. इरफान अंसारी, कांग्रेस विधायक, जामताड़ा।