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जून के तीसरे सप्ताह तक करें रोपाई

संवाद सहयोगी जसीडीह जसीडीह स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक विवेक कश्यप ने ख

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 07:12 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 07:12 PM (IST)
जून के तीसरे सप्ताह तक करें रोपाई
जून के तीसरे सप्ताह तक करें रोपाई

संवाद सहयोगी, जसीडीह:

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जसीडीह स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक विवेक कश्यप ने खरीफ फसल के उन्नत पैदावार को लेकर किसान जून के तीसरे सप्ताह तक धान की रोपाई करने की सलाह दी है। कहा है कि किसान अपने खेतों में गोबर डालकर तीन से चार बार अच्छी तरह से जोताई कर मेढ़ को मजबूती से बांधें ताकि वर्षा का पानी खेत में जमा हो सके। धान की बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर 40 से 50 किलोग्राम बीज होनी चाहिए। वहीं नर्सरी में बीज डालने के पहले 25 किलो बीज में 4 ग्राम स्ट्रेपटोसाइक्लिन और 75 ग्राम थिरम से उपचारित कर बीज तैयार करना चाहिए। उपचारित बीज से बीमारी लगने की संभावना काफी कम होती है। बीज उगने के दस दिन बाद ट्राई कोडरमा नामक दवा का छिड़काव करना चाहिए। इसके पश्चात 15 दिन के बाद कीटनाशक और फफूंदीनाशक दवा का छिड़काव करे। तैयार बिचडा को 21 से 25 दिन के अंदर अवश्य रूप से बुआई करनी चाहिए। बिचड़ा अधिक समय तक नर्सरी में रहने पर उखाड़ने के दौरान मूल जड़ टूट जाता है जिससे धान का विकास नहीं हो पाता है। फलस्वरूप उत्पादन में कमी हो जाती है। धान की रोपाई 20म20 सेंटीमीटर पर कतारबद्ध करना चाहिए ताकि निकाई कोडाई मे किसी प्रकार की समस्या नही हो सके। कतारबद्ध तरीके से बुआई करने पर कोनोवीडर मशीन से किसान खरपतवार को नष्ट कर सकते है।


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