कतार से हो रहा कष्ट, प्रशासन करे इंतजाम
देवघर : श्रावणी मेला ने जो आकार बना लिया है वह आनेवाले वर्षो में बढ़ता जाएगा। जो कतार आज नंदन पहाड़ के रास्ते जसीडीह रोड जा रही है वह कल चकाई मोड़ के रास्ते डिगरिया पहाड़ तक नहीं जाएगी इसकी क्या गारंटी है। परिवार संग पूजा कराने का प्रशासनिक मकसद अच्छा है, जिसकी सराहना कांवरिया भी कर रहे हैं पर आनेवाले समय में गोदी में पांच साल के बच्चा को लेकर 10 किलोमीटर कतार में घंटों खड़ा रहना मुनासिब नहीं। भक्तों की राय है कि इसका वैकल्पिक इंतजाम किया जाय। केवल कार्ड देने से नहीं होगा, कार्ड पर समय भी दिया जाय। उसका पालन करने का तरीका भी आनेवाले साल में व्यवस्था के साथ लागू किया जाय।
दो साल से जलार्पण करने आ रहे हैं। पर इतनी लंबी लाइन में खड़े खड़े बहुत तकलीफ होती है।
लखीन्द्र राय, असम
कतार सिस्टम से खुश नहीं हैं। कब तक इसी तरह पांच से 10 घंटा खड़े रहेंगे। सुरक्षा बलों के हवाले व्यवस्था होनी चाहिए।
राजू प्रसाद, असम
छह साल से आ रही हूं, लाइन में खड़ा करना एक दंड के समान है। काफी परेशानी होती है। महिलाओं को बहुत परेशानी है अलग लाइन होना चाहिए।
हेमंती देवी, गोपालगंज
10 साल से बाबा को कांवर का जल अर्पण कर रहे हैं। प्रशासन की कमजोरी है कि वह अब तक टाइम स्लॉट लागू नहीं कर पाया है। वह हो जाय तो घंटों लाइन में नहीं रहना होगा।
विजय कुमार दास, धनबाद
एक तो पहले से पूरे शरीर में दर्द रहता है, पैर नहीं उठता है। बाबाधाम आने पर लगता है कि अब आ गए पर यहां भी लाइन में खड़ा कर दिया जाता है। इसका विकल्प होना चाहिए।
नंदलाल, गोपालगंज
पूजा करने आए हैं, तो सुविधा देने का काम तो सरकार व प्रशासन को ही करना है। यात्रियों को कम से कम परेशानी हो।
देवनारायण, कुशीनगर, उत्तर प्रदेश
प्रवेश कार्ड होने के बावजूद कहीं कहीं घुसपैठ हो रहा है, जो बंद हो। दूसरा पूजा करने का एक निर्धारित समय दे दिया जाय। ताकि पूजा की गारंटी हो।
कैलाश, नेपाल
लाइन की व्यवस्था सुचारू रूप से चलनी चाहिए, जो नहीं हो रहा है।
इसमें भी कई कमियां दिखती है।
शिवराम महतो, बेगूसराय
35 साल से आ रहे हैं, लेकिन व्यवस्था में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है। जब तक टाइम स्लॉट नहीं होगा आनेवाला दिन और भी खराब होगा।
जवाहर लाल, नवादा
महिलाओं के लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए। प्रशासन को इस पर गंभीरतापूर्वक सोचना चाहिए।
मंजू देवी, धनबाद