स्वच्छता को लेकर महिलाओं-युवतियां विशेष रूप से रहें जागरूक
जागरण संवाददाता चतरा स्वच्छता को लेकर महिलाओं व युवतियों को विशेष रूप से सतर्क रहने जागरण संवाददाता चतरा स्वछता को लेकर महिलाओं व युवतियों को विशेष रूप से सतर्क रहने क जागरण संवाददाता चतरा स्वछता को लेकर महिलाओं व युवतियों को विशेष रूप से सतर्क रहने क जागरण संवाददाता चतरा स्वछता को लेकर महिलाओं व युवतियों को विशेष रूप से सतर्क रहने क जागरण संवाददाता चतरा स्वछता को लेकर महिलाओं व युवतियों को विशेष रूप से सतर्क रहने।
जागरण संवाददाता, चतरा : स्वच्छता को लेकर महिलाओं व युवतियों को विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है। वर्तमान में परिस्थिति में उनके समक्ष यह बड़ी चुनौती है। चूंकि कोविड-19 को लेकर पिछले ढाई महीनों से देश व्यापी लॉक डाउन है। हालांकि अब कुछ शर्ताें के साथ लॉक डाउन को लचीला किया जा रहा है। उक्त बातें उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने शुक्रवार को जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के प्रशिक्षण भवन में आयोजित जिलास्तरीय माहवारी स्वच्छता कार्यक्रम के तहत चुप्पी तोड़ो, स्वस्थ रहो अभियान के कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि कही। इससे पूर्व उपायुक्त के अलावा उप विकास आयुक्त मुरली मनोहर प्रसाद, जिला शिक्षा अधीक्षक जितेंद्र कुमार सिन्हा, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का विधिवत रूप से उद्धाटन किया। उद्धाटन के बाद डीसी ने अपने संबोधन में कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा इस अभियान का शुभारंभ 28 मई को किया गया है। अभियान का समापन 27 जून को होगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किशोरियों एवं महिलाओं, विशेषकर 10-19 आयु वर्ग किशोरियों में स्वच्छता को बढ़ावा देना और उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। वर्तमान समय में हम कोरोना वैश्विक महामारी से जूझ रहें हैं। सैकड़ो की संख्या में प्रवासी मजदूर, दैनिक वेतनभोगी फंसे हुए हैं एवं कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। जिले के विभिन्न हिस्सों में कई ऐसी महिलाएं है, जो अपनी आजीविका खो चुकी है और सुविधाओं के अभाव और अक्षमता के कारण मुश्किलों का सामना कर रही हैं। महामारी के कारण सभी स्वास्थ्य केंद्रों, क्वारंटाइन सेंटर, आइसोलेशन वार्ड में बढते भार एवं महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (डॉक्टर्स, नर्स, व अन्य स्टाफ) व महिला मरीजों में माहवारी संबंधी सुविधाओं का अभाव भी एक चुनौती है, जो न केवल उनके स्वास्थ्य और गरिमा से समझौता करने के लिए मजबूर करता है, बल्कि उनके काम करने की क्षमता को भी प्रभावित करता है। ऐसी परिस्थिति में वे मासिक धर्म उत्पादों और अन्य आवश्यक वस्तुओं का उपयोग नहीं कर पा रही हैं और असुरक्षित तरीके से माहवारी में संक्रमित होने के भय में हैं।जिसका परिणाम गंभीर और हानिकारक हो सकते हैं।
माहवारी के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। कार्यशाला को अन्य अधिकारियों ने भी संबोधित किया।