मौसम ने लिया करवट, रिमझिम बारिश ने बढ़ाई ठंड
संवाद सूत्र चतरा मौसम का मिजाज एक बार फिर करवट लिया है। आसमान में बादल छाया हुआ है
संवाद सूत्र, चतरा : मौसम का मिजाज एक बार फिर करवट लिया है। आसमान में बादल छाया हुआ है और बूंदाबांदी बारिश हो रही है। गुरुवार से ही यह नजारा देखने को मिल रहा है। गुरुवार को को पूरे दिन आसमान में बादल छाया रहा। शाम होते ही कोहरे की परत चढने लगी और रात ढलने के बाद बूंदाबांदी होने लगी। बूंदाबांदी बारिश का क्रम शुक्रवार को पूरे दिन जारी रहा। इस प्रकार मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल गया है। रिमझिम बारिश से खेत-खलिहानों में रखे धान की बालियों को झड़ने की आशंका जताई जा रही है। चार-पांच दिन पहले हुई बारिश में भी किसानों को काफी नुकसान हुआ है। जानकारों का कहना है कि चक्रवाती तूफान नीवार का असर है। मौसम में आए बदलाव से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। अधिकतम तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। शुक्रवार को यहां का अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस था। जबकि न्यूनतम 13 डिग्री रिकार्ड किया गया है। वैसे तो क्षेत्र में दुर्गा पूजा के बाद से ही तापमान में धीरे-धीरे गिरावट होने लगी थी। लेकिन खुले आसमान में खिली हुई धूप की वजह से लोगों को दिन में ठंड का अहसास नहीं हो रहा था। सिर्फ रात में ही कनकनी महसूस की जा रही थी। छठ महापर्व के बाद से चल रही सर्द हवा के झोंके की वजह से दिन में भी लोगों को कनकनी का अहसास होने लगा है। मौसम साफ होते ही ठंड असर दिखाने लगेगी। तापमान में गिरावट आएगी और कनकनी से ठंड बढ़ जाएगी। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डा. रंजय कुमार सिंह का कहना है कि रिमरिम बारिश से किसानों फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक पचास प्रतिशत ही धान कटनी हुई है। बारिश से धान की बालियां खेतों में गिर रही है। या फिर खलिहान में रखे बोझों से धान झड़कर नीचे गिर जाएंगे और उसे अंकुरित होने का डर है। आलू, मटर, टमाटर एवं सब्जियों में झुलसा रोग लगने की संभावना से इंकार नहीं कर सकते हैं। चना एवं सरसों की फसलों के लिए लाभदायक है। लेकिन यदि अधिक बारिश हुई, तो उन फसलों का भी नुकसान होगा। सुबह से ही होती रही बूंदाबांदी
संवाद सहयोगी, इटखोरी (चतरा): पिछले दो-तीन दिनों से चल रही सर्द हवा के झोंके की वजह से दिन में भी लोगों को कनकनी का अहसास होने लगा है। इधर शुक्रवार की सुबह से इस क्षेत्र में लगातार बूंदाबांदी हो रहीं है। जिससें ठंड और बढ गई है। ठंड से बचने के लिए लोग गर्म कपड़े का सहारा लेने लग गए हैं। आने वाले दिनों में तापमान और गिरेगा जिससे ठंड का प्रकोप बढ़ेगा। चिकित्सकों ने लोगों को ठंड से बचने के लिए परहेज से रहने की सलाह दी है यहां तो प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. सुमित कुमार का कहना है कि सावधानी नहीं बरतने पर तबीयत खराब हो सकती है। ठंड के मौसम में सावधानी बेहद जरूरी है। ठंड अपनें साथ कई बीमारियों को लेकर आती है। लोगों को ऐसी मौसमी बीमारियों से काफी सावधान रहने की जरूरत है। नहीं तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। खासकर बच्चों व बुजुर्ग की सेहत में प्रतिकूल असर पड़ सकता है। अधिक उम्र के लोगों में हार्ट अटैक व श्वास संबंधित बीमारी बढ़ जाती है। जबकि रक्तचाप वाले मरीजों में लकवा के अटैक का खतरा बढ़ जाता है।