टीएसपीसी के गठन में थी मुकेश की अहम भूमिका
जागरण संवाददाता चतरा भाकपा माओवादी से अलग होकर कुछ उग्रवादियों ने 2004 में टीएसपीसी का ग
जागरण संवाददाता, चतरा : भाकपा माओवादी से अलग होकर कुछ उग्रवादियों ने 2004 में टीएसपीसी का गठन किया गया था। टीएसपीसी के गठन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका मुकेश गंझू व ब्रजेश गंझू की थी। मुकेश के आतंक का अंदाजा इस बात से लगा सकता है कि झारखंड सरकार ने उसकी गिरफ्तारी पर 15 लाख रुपये का इनाम रखा है। इनाम की राशि पूर्व में 10 लाख रुपये थी। लेकिन चार दिन पूर्व पुलिस अधीक्षक ऋषव कुमार झा ने इनाम की राशि दस से बढ़ाकर पंद्रह लाख कर दी थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) मुकेश को तीन मामलों में तलाश कर रही है। सीसीएल की आम्रपाली और मगध कोल परियोजनाओं में टेरर फंडिग तथा विदेशी अत्याधुनिक स्वचालित हथियार की बरामदगी के मामले में एनआइए जांच कर रही है। मुकेश गंझू का आत्मसमर्पण करना निसंदेह पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
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बाल अवस्था में ही चला गया था संगठन में
मुकेश गंझू उर्फ मुनेश्वर गंझू मूल रूप से जिले के कुंदा प्रखंड के कुटिल गांव का रहने वाला है। कुछ लोगों ने भाकपा माओवादी उग्रवादियों (उस वक्त एमसीसीआइ) से मिलकर उसके पिता की हत्या कर दी थी। उसके बाद प्रतिशोध की भावना से मुकेश खुद एमसीसीआइ में शामिल हो गया। उस वक्त उसकी उम्र करीब दस वर्ष की रही होगी। लंबे समय तक वह बाल दस्ता में सक्रिय रहा। करीब पांच वर्षों के बाद उसे दस्ता सदस्य बनाया गया। दस्ता का सदस्य बनाए जाने के बाद मुकेश को उड़ीसा और छत्तीसगढ़ भेज दिया गया था। सूत्रों ने बताया कि झारखंड स्थापना के समय वह वापस यहां लौटा। दो से तीन वर्षों के भीतर संगठन में जातीय द्वंद्व शुरू हो गया। उस समय जिले में खून खराबा का नया दौर शुरू हुआ था। 2004 में भाकपा माओवादी से विमुख हुए उग्रवादियों ने टीएसपीसी का गठन किया था। गठन में मुकेश गंझू भूमिका सबसे महत्वपूर्ण थी।