वर्ष में तीन बार लगाएं गेंदा फूल, बढ़ेगी मिट्टी की उर्वरक क्षमता
संवाद सहयोगी गिद्धौर (चतरा) कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. धर्मा उरांव ने मंगलवार को प
संवाद सहयोगी, गिद्धौर (चतरा): कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. धर्मा उरांव ने मंगलवार को प्रखंड क्षेत्र में किए गए गेंदा फूल की खेती का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने गेंदा फूल खेती में असीम संभावनाएं हैं। वर्ष में तीन बार खेत में गेंदा के फूल खेती करने पर मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ता है। वैज्ञानिक ने प्रखंड क्षेत्र के प्रमोद कुमार, शिव कुमार, मालती देवी, मिथिलेश कुमार, शिशुपाल कुमार, अवध दांगी व रामसेवक दांगी का गेंदा फूल की खेती की जांच की। उसके बाद प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में प्रखंड के पांच दर्जन किसान शामिल हुए। प्रशिक्षण के दौरान वैज्ञानिक डा. धर्मा उरांव ने कहा कि गेंदा फूल की खेती पारंपारिक खेती की तुलना में कई गुणा लाभ किसानों को दे सकती है। गेंदा फूल न सिर्फ कम खर्च में अच्छा लाभ देता है, बल्कि भूमि की उपजाऊ शक्ति को बरकरार रखने में भी अहम भूमिका निभाता है। जिससे किसानों को गेंदा फूल का दोहरा फायदा मिलता है।उन्होंने कहा कि गेंदा फूल की खेती सर्दी, गर्मी व बरसात के मौसम में की जाती है। गेंदा फूल की खेती कोई भी किसान कर सकता है। अगर किसान हाईब्रिड किस्म के बीजों को लगाता है तो उसे करीब 30 से 35 हजार रुपए प्रति एकड़ खर्च आता है। किसान अपने खेत में गेंदा फूल लगाता है तो वह साल में तीन बार फूलों की पैदावार ले सकता है। इसके अलावा गेंदा फूल की मांग लोकल मार्केट में होने से किसानों को ज्यादा दौड़ धूप करने की भी जरूरत नही होती।