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मूसलाधार बारिश से नदियां उफान पर, कई मिट्टी के घर ध्वस्त

संवाद सहयोगी चतरा लगातार दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जिले की सभी नदिय

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 06:48 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 06:48 PM (IST)
मूसलाधार बारिश से नदियां उफान पर, कई मिट्टी के घर ध्वस्त

संवाद सहयोगी, चतरा : लगातार दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जिले की सभी नदियां उफान पर हैं। इनमें से कुछ नदियों का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है। जिन नदियों पर अबतक पुल नहीं बना है, वहां पर बाढ़ आई है। परिणामस्वरूप बाढ़ के कारण सौ से अधिक गांव टापू बन गए हैं। जबकि कई मिट्टी के मकान ध्वस्त हो गए है। इन गांवों में पिछले दो दिनों से आवागमन पूरी तरह से ठप है। मूसलाधार बारिश से जिले के पत्थलगड़ा स्थित बकुलिया, सिमरिया के पीरी छलका, गिद्धौर प्रखंड के घटेरी नदी, जहरा नदी, खैरा दुआरी नदी, बलबल नदी, बड़की नदी, पेक्सा नदी, प्रतापपुर के बांझेबहेर नदी, मोरहर नदी सहित अन्य नदियों में बाढ़ आई हुई है। वही गिद्धौर के खैरा दुआरी पर बना पुल टूटने के कागार पर है। यदि यह पुल टूटता है, तो निकटवर्ती गांव खैरा, दुआरी, मेराल, जोरी, सनगढ़वा, पत्थलगड़ा, कोरांबे, हांढ़हे, शीतलपुर आदि गांव टापू बन जाएगा। पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण उपरोक्त सभी नदियों में बाढ़ आई है। पानी का बहाव इतना अधिक है कि लोगों का संपर्क प्रखंड एवं जिला मुख्यालय से पूरी तरह से कट चुका है। लगातार हो रही बारिश के कारण दो दिनों के भीतर कुंदा, प्रतापपुर, गिद्धौर, सदर, कान्हाचट्टी, हंटरगंज, पत्थलगडा आदि प्रखंडों में चार दर्जन से अधिक कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिसमें निवास करने वाले परिवार बेघर हो गए। प्रभावित लोग आस-पड़ोस में शरण लिए हुए हैं। मूसलाधार बारिश होने के कारण ताल-तलैया के साथ- साथ खेत-क्यारी भी जलमग्न हो गए है। शनिवार को जिले मे 69.3 मिमी बारिश हुई है। पिछले तीन दिनों में अबतक 278 मिमी से अधिक बारिश हुई है।

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:::::::: यह गांव बने हैं टापू

बकुलिया नदी क्षेत्र : बकुलिया नदी पर पुल नहीं होने से पत्थलगडा प्रखंड के उरूब, तपसा, हांडे, मेराल, मेरमगडा, हुडमूड, सिलहट्टी, रेहला, कोरांबे, सीमरातरी, बारा, शयाल, हीसातरी, घामा, जारी, रतुरबा, चरकी टांड, पांडेयतरी आदि गांव टापू बना हुआ है। घटेरी नदी क्षेत्र : गिद्धौर प्रखंड के तरी, घटेरी, कुबरी, सुईयाटांड, उमाढाकी, चिरैया, जमुआ आदि गांव। मोरहर नदी क्षेत्र : घोड़, जमुआ, नारायणपुर, बरूरा, हिदिया, बरवाडीह, फगुआ, केवलिया, सुगनडी, एघारा, नेभी, फलंगा, उसवाटांड, रहरिया, चरका, डूमरवार, बधार, तेजन, अलखडीह आदि शामिल है। सिसई नदी क्षेत्र : टंडवा प्रखंड के सिसई, उरदा, बुटखेता, गोपदा, तरहा, टाडहमदीरी आदि गांव कबरा नदी क्षेत्र : टंडवा के कबरा आदि गांव

गरही नदी क्षेत्र : टंडवा के उत्तराठी, करमटांड, मतलौंगा आदि गांव भारी बारिश से टापू बने हैं।

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शहर की सड़कें कीचड़ में तब्दील :

लगातार हो रही बारिश से शहर की सड़कों पर जल-जमाव हो गया है। शहर के एनएच-99 पर जीर्णोद्धार व मजबूतीकरण को लेकर दोनों छोर पर किया गया पीसीसी से सड़क नीचे हो गई है। ऐसे में बारिश का पानी का निकास नहीं हो रहा है। स्थिति ऐसी हो गई है कि सड़क तालाब के रूप में परिवर्तित हो गई है। पुराना पेट्रोल पंप से लाइन मोहल्ला जानेवाली सड़क कीचड़ में तब्दील हो गई है। न्यू फेमस मेडिकल और डॉ. हर्षदेव गुप्ता के क्लिनिक के समीप नाली का पानी सड़क पर बह रहा है।

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नदी में बहने से बाल-बाल बची यात्री बस

संवाद सूत्र, प्रतापपुर (चतरा): पिछले दो दिनों से हो रही लगातार वर्षा से प्रखंड वासियों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। प्रखंड के सभी छोटी बड़ी नदियां एवं नाले उफान पर है। नदियों में आए बाढ़ से आवागमन बाधित है। प्रतापपुर जोरी मार्ग स्थित बांझेबहेर नदी में बाढ़ आने से सिंहवाहिनी नाम यात्री बस बहते बहते बची। घटना शनिवार के करीब 10 :30 बजे की है। बस में सवार यात्री कुद कर किसी तरह अपनी जान बचाई। यहां बता दें कि सिंहवाहिनी बस रांची से प्रतापपुर भाया इमामगंज चलती है। बांझेबहेर नदी पार करते समय नदी में आए पानी के तेज बहाव के कारण बस बनाए गए रास्ते से भटक गया और नदी में उतर गई। चालक ने सूझबूझ का परिचय देते हुए बस को बंद कर दिया।


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