चोरकारी पावर ग्रिड को ट्रांसमिशन लाइन से जोड़ने का काम शुरू
संवाद सहयोगी इटखोरी (चतरा) चोरकारी पावर ग्रिड सबस्टेशन को ट्रांसमिशन लाइन से जोड़ने क
संवाद सहयोगी, इटखोरी (चतरा) : चोरकारी पावर ग्रिड सबस्टेशन को ट्रांसमिशन लाइन से जोड़ने का काम शुक्रवार को शुरू कर दिया गया है। एक सप्ताह के अंदर चोरकारी पावर ग्रिड सबस्टेशन ट्रांसमिशन लाइन से पूरी तरह कनेक्ट हो जाएगा। इसके बाद पावर ग्रिड सबस्टेशन को संचालित कर दिया जाएगा। मालूम हो कि चोरकारी एवं आसपास के गांवों के ग्रामीणों के विरोध की वजह से इस पावर ग्रिड सबस्टेशन को ट्रांसमिशन लाइन से जोड़ने का काम अधूरा था। भूमि तथा फसल का पर्याप्त मुआवजा नहीं मिल पाने के कारण ग्रामीण काम नहीं होने दे रहे थे। इसी बीच शुक्रवार को उपायुक्त अंजली यादव के निर्देश पर बीडीओ विजय कुमार, अंचल अधिकारी राम विनय शर्मा, पुलिस उपाधीक्षक केदार राम, पुलिस निरीक्षक शिव प्रकाश कुमार तथा थाना प्रभारी निरंजन कुमार मिश्र पुलिस बल के साथ पावर ग्रिड सबस्टेशन पहुंचे। प्रशासन को यह अंदेशा था कि ग्रामीण काम का विरोध करेंगे। इसके लिए प्रशासन पर्याप्त पुलिस बल लेकर गया था। लेकिन प्रशासन का तेवर देखकर ग्रामीणों ने कार्य का कोई विरोध नहीं किया। ऐसे में प्रशासन की मौजूदगी में पावर ग्रिड सबस्टेशन को चोरकारी-लातेहार तथा चोरकारी-पकरी बरवाडीह ट्रांसमिशन लाइन से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। पावर ग्रिड के डीजीएम शिव शंकर ने बताया कि पावर ग्रिड सबस्टेशन को ट्रांसमिशन लाइन से जोड़ने का काम एक सप्ताह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। फिर सरकार से निर्देश प्राप्त होते ही पावर ग्रिड सबस्टेशन से चतरा जिला में विद्युत की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।
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हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे ग्रामीण
चोरकारी गांव के ग्रामीण ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण में प्रभावित हुई भूमि तथा फसल के मुआवजे को लेकर झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। ग्रामीणों ने बताया कि चोरकारी पावर ग्रिड सबस्टेशन को संचालित करने के लिए उनकी रैयती भूमि में दो ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया गया है। लेकिन विभाग के द्वारा अभी तक भूमि तथा फसल का पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया गया है। ग्रामीणों ने कई बार विभाग के अधिकारियों के साथ स्थानीय प्रशासन से भी इस संदर्भ में शिकायत की है। लेकिन इसके बाद भी उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाया है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि ट्रांसमिशन लाइन से प्रभावित हुई भूमि तथा फसल का मुआवजा शीघ्र नहीं मिला तो ग्रामीण अब अपनी भूमि पर किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं होने देंगे।