115 पंचायतों में ठप हुई मनरेगा की योजनाएं
विकास की राह में आंदोलन रोड़ा बन गया है। पारा शिक्षक, मुखिया और मनरेगा कर्मी मांगों के समर्थन में आंदोलित हैं। परिणामस्वरूप प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था और मध्याह्न भोजन के साथ विकास के कार्य ठप हो गए हैं। जिले के 154 में से 115 पंचायतों में मनरेगा से चलने वाली योजनाएं बंद हो गई है। मजदूरों में मजदूरी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। इसका असर गांव से लेकर शहर तक देखा जा रहा है। गांव की सरकार का प्रमुख अंग मुखिया कलमबंद हड़ताल पर हैं, तो पारा शिक्षक और मनरेगाकर्मी
चतरा : विकास की राह में आंदोलन रोड़ा बन गया है। पारा शिक्षक, मुखिया और मनरेगा कर्मी मांगों के समर्थन में आंदोलित हैं। परिणामस्वरूप प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था और मध्याह्न भोजन के साथ विकास के कार्य ठप हो गए हैं। जिले के 154 में से 115 पंचायतों में मनरेगा से चलने वाली योजनाएं बंद हो गई है। मजदूरों में मजदूरी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। इसका असर गांव से लेकर शहर तक देखा जा रहा है। गांव की सरकार का प्रमुख अंग मुखिया कलमबंद हड़ताल पर हैं, तो पारा शिक्षक और मनरेगाकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। जिला प्रशासन ने पारा शिक्षकों की हड़ताल से निबटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाया है। जिले के 1021 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में सहायक शिक्षक, सेवानिवृत्त शिक्षक, सीआरपी-बीआरपी एवं सारक्षताकर्मियों को प्रतिनियुक्त कर व्यवस्था को बहाल करने का प्रयास किया है। लेकिन आंदोलित पारा शिक्षकों ने प्रतिनियुक्त शिक्षकों का भी विरोध शुरू कर दिया है। ऐसे में सोमवार से ताला लटक रहे स्कूल खुल पाएंगे या नहीं, यह कहना कठिन है। इन स्कूलों में मध्याह्न भोजन को भी सुचारू होने पर संदेह जताया जा रहा है। इधर प्रशासन ने आंदोलित पारा शिक्षकों को बीस नवंबर तक अपने अपने स्कूलों में योगदान देने का निर्देश दिया है। यदि वे योगदान नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ बर्खास्तगी की भी कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन सरकार ने मुखिया और मनरेगाकर्मियों की हड़ताल से निबटने के लिए कोई विकल्प नहीं तलाशा है। जिले के बारह में नौ प्रखंड सुखाग्रस्त है। जिला प्रशासन ने इसकी सर्वे रिपोर्ट सरकार को भेज चुका है। सरकार का आदेश है कि सुखाग्रस्त प्रखंडों के प्रत्येक गांव में मनरेगा की योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। परंतु प्रश्न उठता है कि हड़ताल में योजनाओं का क्रियान्वयन कैसे होगा। जॉब कार्डधारी काम का मांग कर रहे हैं। लेकिन उन्हें मजदूरी नहीं मिल पा रही है। गिद्धौर, कुंदा, लावालौंग, मयूरहंड, पत्थलगडा एवं सिमरिया प्रखंड के किसी भी पंचायत में एक भी योजना का क्रियान्वयन नहीं हुआ है। मनरेगा के वेवसाइट पर उपलब्ध डाटा से यह जानकारी मिली है। वर्तमान समय में चतरा प्रखंड के एक, हंटरगंज के आठ, इटखोरी में तीन, कान्हाचट्टी में पांच, प्रतापपुर में दस और टंडवा के बारह पंचायत में ही मनरेगा की योजनाएं क्रियान्वित हो रही है। यदि यही स्थिति रही, तो आने वाले समय में मजदूर पलायन करना शुरू कर देंगे। मनरेगा रोजगार आधारित योजना है। जब मजदूरों को रोजगार ही नहीं मिलेगा, तो वैसे उनके पास पलायन के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं होगा। यदि मजदूर को रोजगार उपलब्ध भी कराया जाता है, तो डाटा इंट्री नहीं होगा। चूंकि डाटा इंट्री करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर भी हड़ताल पर हैं। बजट प्रशिक्षण बाधित
2019-20 के मनरेगा बजट पर फिलहाल संकट आ गया है। 16 नवंबर से मनरेगा बजट बनाने के लिए रांची में ब्लॉक रिसोर्स टीम का प्रशिक्षण शुरू होना था। लेकिन अचानक मनरेगाकर्मी के हड़ताल पर चले जाने के कारण प्रशिक्षण पर यहां से ब्लॉक रिसोर्स टीम के सदस्य नहीं गए हैं।
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रोजगार सेवक मनरेगा की रीढ़
जिले में कुल 154 पंचायत हैं। लेकिन 135 ही रोजगार सेवक कार्यरत हैं। इनके माध्यम से ही मजदूरों की मांग का सृजन होता है। इनके द्वारा ही मानव दिवस सृजित किया जाता है। मस्टर रोल भरा जाता है। जब रोजगार का सृजन ही नहीं होगा, तब तक मजदूरों को काम नहीं मिलेगा। यदि जिला प्रशासन कोई व्यवस्था भी बनाने का प्रयास करेगी तो काफी मुश्किल होगा। क्योंकि बीपीओ जो प्रखंड में इसकी मॉनीट¨रग करते हैं। वह नहीं हैं। कार्य के भुगतान के लिए योजनाओं का निरीक्षण एवं विपत्र के भुगतान की प्रक्रिया नहीं होगी, क्योंकि कनीय अभियंता भी हड़ताल में साथ हैं। मनरेगा सेल के कंप्यूटर ऑपरेटर, लेखा सहायक भी इस मुहिम में सरकार के खिलाफ हैं। देवघर मनरेगा कर्मचारी संघ ने जिला प्रशासन को लिखित सूचना दे दिया है। ------------------------ मनरेगाकर्मी एक नजर में
-: रोजगार सेवक -: 135 -: बीपीओ -: 13 . कनीय अभियंता -: 25 . लेखा सहायक -: 5 . कंप्यूटर ऑपरेटर -: 7
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विद्यालयों की स्थिति
कुल स्कूल प्राथमिक एवं मध्य -: 1533
हड़ताल का असर -: 1021
पारा शिक्षकों की संख्या -: 3668
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अधिकारी वर्जन
व्यवस्था को बहाल करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कर पठन पाठन और मध्याह्न भोजन सुचारू कर दिया गया है। मनरेगा की स्थिति की भी समीक्षा की जा रही है। जल्द ही इस पर भी कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।
मुरली मनोहर प्रसाद, उप विकास आयुक्त, चतरा।