भूख से नहीं होगी मौत, जिला प्रशासन सजग
सुखाड़ की संभावित आशंका से निबटने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। जिले के बारह में नौ प्रखंड सुखाड़ की चपेट में है। इसमें सर्वाधिक प्रभावित हंटरगंज प्रखंड है। जिला प्रशासन ने सुखाड़ का सर्वेक्षण कार्य शुरू कर दिया है। एक से दो दिनों में सभी प्रखंडों से रिपोर्ट आ जाएगी। उसके बाद उसे राज्य सरकार को समर्पित कर दिया जाएगा। उक्त बाते उपायुक्त जितेंद्र कुमार ¨सह ने सोमवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने दस नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है। लेकिन चतरा जिला से रिपोर्ट आठ
चतरा : सुखाड़ की संभावित आशंका से निबटने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। जिले के बारह में नौ प्रखंड सुखाड़ की चपेट में है। इसमें सर्वाधिक प्रभावित हंटरगंज प्रखंड है। जिला प्रशासन ने सुखाड़ का सर्वेक्षण कार्य शुरू कर दिया है। एक से दो दिनों में सभी प्रखंडों से रिपोर्ट आ जाएगी। उसके बाद उसे राज्य सरकार को समर्पित कर दिया जाएगा। उक्त बाते उपायुक्त जितेंद्र कुमार ¨सह ने सोमवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने दस नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है। लेकिन चतरा जिला से रिपोर्ट आठ नवंबर तक भेज दी जाएगी। डीसी ने कहा कि भूख से किसी के मरने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए आपदा प्रबंधन की ओर से जिले के सभी पंचायतों के मुखिया और शहर के सभी वार्ड पार्षदों के बैंक खाता में दस-दस हजार रुपये स्थानांतरित कर दिया गया है। उक्त पैसों से मुखिया एवं पार्षद किसी भी समय जरूरतमंदों को अनाज उपलब्ध करा सकते हैं। इसके अलावा कुछ राशि उपायुक्त के एकाउंट में भी सुरक्षित रखा गया है। आवश्कयकता के अनुरूप इस आकास्मिक कोष इस्तेमाल किया जाएगा। डीसी ने कहा कि जिले के गिद्धौर, टंडवा एवं सिमरिया प्रखंड में सुखाड़ का असर नहीं है। यहां पर बारिश की स्थिति अच्छी रही है। डीसी ने कहा कि जिले में 20 जुलाई तक रोपा नहीं हुआ था। ऐसे में किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का पूरा लाभ मिल सकता है। चूंकि सरकार ने निर्धारित कर रखा है कि बीस जुलाई तक कम से कम पच्चीस प्रतिशत रोपा हो जाना चाहिए। डीसी ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में इस बार भी चतरा जिला ने कीर्तिमान स्थापित किया है। बीमा करने के मामले में पूरे प्रदेश में अव्वल नवंबर हैं। जिले के 1.17 लाख किसानों का बीमा किया गया है। डीसी ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार जिले में जून से लेकर सितंबर महीने तक 131 मीमी कम बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि सुखाड़ घोषित होते ही राहत कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए सभी विभागों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया गया है। प्रेस वार्ता उप विकास आयुक्त मुरली मनोहर प्रसाद, सूचना एवं जन संपर्क पदाधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।