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पुत्र की हत्या के सदमे से उबर नहीं पाए हैं सुमित के माता-पिता

इटखोरी : हर पिता की इच्छा होती हैं कि उसकी मृत्यु के पश्चात उसका पुत्र उसकी अर्थी को कंधा दें।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 06:54 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 06:54 PM (IST)
पुत्र की हत्या के सदमे से उबर नहीं पाए हैं सुमित के माता-पिता

इटखोरी : हर पिता की इच्छा होती हैं कि उसकी मृत्यु के पश्चात उसका पुत्र उसकी अर्थी को कंधा दें। मुखाग्नि भी पुत्र के हाथों ही दी जाए, ताकि मोक्ष की प्राप्ति हो सके। लेकिन करनी के राजबल्लभ राम ऐसे अभागे पिता निकले जिन्हें अपने पुत्र की अर्थी को कंधा देना पड़ा। इस अभागे पिता को ही पुत्र को मुखाग्नि देनी पडी। गाव के श्मशान घाट पर इस हृदय विदारक दृश्य को जिसने भी देखा सबकी आखें नम हो गई।

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सुमित की हत्या का सदमा इस परिवार को इतना गहरा लगा है कि ग्रामीणों को शनिवार की आधी रात में ही सुमित के शव का अंतिम संस्कार करना पड़ा। सुमित का शव शनिवार को आधी रात में जब गाव पहुंचा तो उस वक्त उसके परिजनों की स्थिति संभालने लायक नहीं थी। सुमित के माता-पिता के अलावा उसकी दो बहने दहाड़ मार-मार कर रो रही थी। घर के अन्य सदस्य सुमित के शव के पास चित्कार रहे थे। गाव के लोगों को लगा कि रातभर घर में शव रखना मुश्किल भरा काम होगा। ऐसे में गाव के लोगों ने आपस में राय मशविरा करके रात में ही गाव के श्मशान घाट पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।


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