पुरातत्व विभाग की टीम ने मेगालिथ साइट का किया निरीक्षण
संवाद सहयोगी इटखोरी (चतरा) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की महानिदेशक वी विद्यापति के निद
संवाद सहयोगी, इटखोरी (चतरा): भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की महानिदेशक वी विद्यापति के निर्देश पर बुधवार को रांची अंचल के पुरातत्व विभाग की टीम में इटखोरी एवं पत्थलगड्डा प्रखंड का दौरा किया। इस क्रम में पुरातत्व विभाग की टीम के पुरातत्वविदों ने मेगालिथ साइट का निरीक्षण किया। निरीक्षण करने वाली विभाग की टीम अपनी रिपोर्ट शीघ्र ही विभाग के दिल्ली कार्यालय को भेजेगी। तत्पश्चात मेगालिथ साइट तथा गांव में बिखरी प्राचीन प्रतिमाओं के संरक्षण का कार्य शुरू होगा। पुरातत्व विभाग की टीम विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद शिव कुमार भगत के नेतृत्व में आई थी। उनके साथ सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद मोहम्मद अख्तर भी थे।
टीम के सदस्यों ने सर्वप्रथम इटखोरी प्रखंड के करमा खुर्द गांव के समीप बिहारी नामक स्थान से प्राप्त हुए प्राचीन प्रतिमाओं का अवलोकन किया। इस स्थल से बड़ी संख्या में प्राचीन प्रतिमाओं के साथ ध्वस्त मंदिर के पुरातत्वशेष तथा कलाकृतियां बरामद हुई है। इसके बाद टीम के सदस्यों ने सिगरौली टीले का निरीक्षण किया। सिगरौली टीले का अवलोकन करने के पश्चात टीम के सदस्य हुरनाली गांव के समीप स्थित मेगालिथ साइट को देखने गए। अधीक्षण पुरातत्वविद ने बताया कि हुरनाली गांव के समीप मेगालिथ साइट अभी भी सुरक्षित है। इस मेगालिथ साइट को पुरातात्विक संरक्षण की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि मेगालिथ साइट को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के द्वारा संरक्षित करने के लिए रिपोर्ट विभाग के महानिदेशक को भेजा जाएगा। वहां से आदेश प्राप्त होते ही मेगालिथ साइट के पुरातात्विक संरक्षण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि बिहारी नामक स्थान से प्राप्त प्राचीन प्रतिमाएं व कलाकृतियां 11वीं 12वीं शताब्दी काल की है। सभी प्रतिमाएं व कलाकृतियां काफी महत्वपूर्ण है। इनके भी संरक्षण की दरकार है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही विभाग के महानिदेशक को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। विभाग के दिल्ली कार्यालय के निर्देश के पश्चात ही मेगालिथ साइट तथा प्राचीन प्रतिमाओं के संरक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी। मालूम हो कि मंगलवार को चतरा के सांसद सुनील कुमार सिंह ने नई दिल्ली में स्थित धरोहर भवन में जाकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की महानिदेशक से मुलाकात कर चतरा जिला के पुरातात्विक स्थलों को संरक्षित करने का सुझाव दिया था। सांसद के सुझाव के बाद ही विभाग के महानिदेशक के निर्देश पर टीम मेगालिथ साइट का निरीक्षण करने यहां आई थी।