डेढ़ माह में 477 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे
इटखोरी : विवाहों का कुंभ स्थल के रुप में प्रसिद्ध मां भद्रकाली मंदिर परिसर में मलमास प्रारंभ ह
इटखोरी : विवाहों का कुंभ स्थल के रुप में प्रसिद्ध मां भद्रकाली मंदिर परिसर में मलमास प्रारंभ होते ही शादियों की शहनाई बजनी बंद हो गई है। पिछले डेढ़ माह के दौरान मंदिर परिसर में माता को साक्षी मानकर 477 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे हैं। मंदिर परिसर में अब मलमास के बाद ही शादी की शहनाई फिर से गूंजेगी। मंदिर प्रबंधन समिति से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष के अप्रैल माह में 389 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ। जबकि मई माह में 12 मई तक 88 जोड़ें परिणय सूत्र में बंधे। इन शादियों से मंदिर प्रबंधन समिति को बतौर विवाह शुल्क के रूप में करीब दो लाख चालिस हजार रुपए की आय हुई। बड़ी संख्या में शादी होने से डेढ़ माह तक माता का दरबार शराती व बारातियों से गुलजार रहा। रात के वक्त माता के प्रांगण में दूल्हा-दुल्हनों के मेले जैसा नजारा देखने को मिला। मंदिर के पुजारी नागेश्वर तिवारी ने बताया कि मलवास तेरह जून तक रहेगा। इस दौरान शादियों के लिए कोई शुभ लग्न नहीं है। तेरह जून के बाद फिर से शादियों की शहनाई बजनी शुरू होगी। जो भंडरा नवमी तक जारी रहेगी। इसके बाद चतुर्मास में फिर से चार माह के लिए शादी की शहनाई बजनी बंद हो जाएगी। फिर पुन: देवोत्थान एकादशी के बाद शादी की शहनाई गूंजने लगेगी।