धान का 45 प्रतिशत हुआ आच्छादन
45 फिशदी धान व शत प्रतिशत हुई मक्का की आच्छादन फोटो गिद्धौर लगातार पांच वर्षो से सुखाड़ की मार झेल रहे किसानों को इस बार भी अकाल का सामना करना पड़ सकता है। 14 अगस्त तक गिद्धौर में 55 प्रतिशत धान की रोपाई हो पाई है। जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 45 प्रतिशत कम है। ऐसे में किसानों के चेहरे पर चिता की लकीरें साफ देखी जा रही है। जबकि पानी के अभाव में किसानों द्वारा तैयार किया गया धान का बिचड़ा पीला पड़ने लगी है। प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी नसीमुद्दीन अंसारी ने बताया कि इस वर्ष धान का आच्छादन का लक्ष्य 1940 हेक्टेयर मकई 679 दलहन
गिद्धौर : प्रखंड के किसानों को इस बार भी सुखाड़ का सामना करना पड़ सकता है। 14 अगस्त तक गिद्धौर में 55 प्रतिशत धान की रोपाई हो पाई है। पिछले वर्ष की तुलना में करीब 45 प्रतिशत कम है। ऐसे में किसानों के चेहरे पर चिता की लकीरें साफ देखी जा रही है। पानी के अभाव में किसानों द्वारा तैयार किया गया धान का बिचड़ा पीला पड़ने लगी है। प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी नसीमुद्दीन अंसारी ने बताया कि इस वर्ष धान का आच्छादन का लक्ष्य 1940 हेक्टेयर, मकई 679, दलहन 830, तेलहन 99 व मोटा अनाज 1083 हेक्टेयर लक्ष्य रखा गया है। परंतु लक्ष्य के अनुरूप धान की रोपाई मात्र 45 प्रतिशत ही हो पाया है। जबकि मकई शत प्रतिशत, दलहन 65, तेलहन 73 प्रतिशत आच्छादन किया गया। क्षेत्र को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने को लेकर सरकार को रिपोर्ट बनाकर भेजी जा रही है। इधर पर्याप्त बारिश नहीं होने से सब्जी के दाम में भी काफी उछाल आया है।गरीबों की थाली से मानो सब्जी गायब ही हो गई है। अधिकतर लोग दाल का प्रयोग ज्यादा कर रहे हैं।