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सीएम के ट्वीट के दो दिन बाद विधवा की पेंशन स्वीकृत

बोकारो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ट्विटर पर की गई शिकायतों का फलाफल 24 घंटे में

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 10:24 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 10:24 PM (IST)
सीएम के ट्वीट के दो दिन बाद विधवा की पेंशन स्वीकृत
सीएम के ट्वीट के दो दिन बाद विधवा की पेंशन स्वीकृत

बोकारो : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ट्विटर पर की गई शिकायतों का फलाफल 24 घंटे में मिल रहा है। सीएम के हस्तक्षेप के बाद जरीडीह प्रखंड के नुतनडीह की विधवा लता पांडेय की पेंशन आज स्वीकृत हो गई। उपायुक्त मुकेश कुमार ने मुख्यमंत्री को स्वीकृति संबंधी कार्रवाई से अवगत करा दिया है। हालांकि यह कार्य तीन वर्ष से लंबित था। दो दिनों में बोकारो के दो मामलों के निपटारे की चर्चा पूरे जोरों पर है। लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री की कार्रवाई से जनता खुश है। विदित हो कि 31 अगस्त 2017 को नुतनडीह निवासी पारस पांडेय की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद उनकी विधवा लता देवी ने तांतरी दक्षिणी पंचायत के मुखिया से पेंशन के लिए आवेदन अग्रसारित कराकर प्रखंड में जमा कराया। पर बीडीओ को उनके आवेदन को स्वीकृत करने का फुर्सत तक नहीं मिला। अब जबकि सीएम ने संज्ञान लिया तो दो दिनों में लता को पेंशन मिलने की स्वीकृति मिल गई।

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क्या हुआ घटना क्रम : जिला परिषद अध्यक्ष सह झामुमो जिलाध्यक्ष हीरालाल मांझी ने बोकारो जिला झामुमो के ट्विटर हैंडल से 10 फरवरी को लता पांडेय के दस्तावेज के साथ सीएम को ट्वीट किया। 11 फरवरी को सीएम ने ट्वीट पर रीट्वीट करते हुए आदेश दिया कि तत्काल कार्रवाई किया जाय। 12 फरवरी को प्रशासन ने लता पाण्डेय की तलाश की और 13 फरवरी को उनका पेंशन स्वीकृत हो गया। इस काम के लिए उपायुक्त ने समाज कल्याण के सहायक निदेशक को अधिकृत किया था।

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प्रशासन के सामने विधावा पेंशन को लेकर है समस्या : जिला प्रशासन के पास अलग-अलग पंचायत से लेकर प्रखंड तक लगभग पांच हजार आवेदन लंबित हैं। वजह यह है कि जिले में स्वीकृत संख्या से लगभग चार हजार अधिक महिलाओं को विधवा पेंशन दिया जा रहा है। जबकि नवंबर 2019 में राज्य की समाज कल्याण सचिव ने पत्र भेजकर स्वीकृत संख्या के अंदर ही आवेदन स्वीकृत करने का आदेश दिया था। ऐसे में संबंधित बीडीओ व सीओ पशोपेश में हैं। उनका कहना है कि सरकार की ओर से कोटा बढ़ाने का निर्देश प्राप्त होने के उपरांत ही स्वीकृत किया जा सकता है। हालांकि लता पाण्डेय का मामला अलग है। सामान्य लोगों के आवेदन तभी स्वीकृत किया जा सकता है जब कोटा बढ़ेगा।


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