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सूरज की तपिश बढ़ते ही मैदान बन जाते तालाब

जैनामोड़ : जल संचय मे तालाबों का बड़ा महत्व है लेकिन जिस गति से भूजल स्तर घटता जा रहा है, निकट भविष्य

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jun 2018 08:40 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jun 2018 08:40 AM (IST)
सूरज की तपिश बढ़ते ही मैदान बन जाते तालाब
सूरज की तपिश बढ़ते ही मैदान बन जाते तालाब

जैनामोड़ : जल संचय मे तालाबों का बड़ा महत्व है लेकिन जिस गति से भूजल स्तर घटता जा रहा है, निकट भविष्य में लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ेगा। ऐसे देखा जाए तो जरीडीह प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में अनगिनत तालाब हैं। लेकिन गर्मी पड़ते ही अधिकतर तालाब का पानी सूख जाने के कारण मैदान का रूप से ले लेता है। प्रखंड मुख्यालय से सटे गंझूगढिया तालाब सरकारी उदासीनता के कारण गर्मी आते ही सूख जाता है। भुचूंगडीह ग्राम निवासियों ने बताया कि इस तालाब की गहराई कम होने के कारण गर्मी आते ही इसका पानी सूख जाता है। तालाब में एक घाट का भी निर्माण कराया गया है। अगर इस तालाब की गहराई अधिक कर दी जाए तो जल संचय की समस्या हल हो जाएगी। साथ ही आसपास के लोगों को पानी भी सहज उपलब्ध होगा। बावजूद अबतक इस ओर से जनप्रतिनिधि या अधिकारियों का ध्यान नहीं गया है।

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जल संरक्षण को होना होगा जागरूक :

जल मनुष्य के लिए ही नही बल्कि बेजुबान पशु-पक्षियों के लिये भी जरूरी होता है। जल ईश्वर की अनमोल धरोहर होती है, जिसे ईश्वर ने संपूर्ण प्राणी जगत के प्राण संचार बनाये रखने के लिए स्वयं पैदा किया है। मनुष्य की तरह पशु पक्षियों का जीवन भी बिना पानी के संभव नहीं है इसलिए मनुष्य की तरह पशुओं के लिये पानी की नितांत आवश्यकता होती है। पालतू पशुओं के लिए तो पानी की व्यवस्था उसका पालक करता है लेकिन जो छूटे पशुओं के लिए नदी, नाला, झरना, तालाब होते हैं, अगर इनपर ध्यान नहीं दिया गया तो निकट भविष्य में जल संकट का सामना करना आम हो जाएगा।


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