मैसेज कर दो सहेलियों ने तेनुघाट डैम में लगाई छलांग, सुसाइड नोट में लिखी ये बात
डैम में छलांग लगाने से पहले एक छात्रा ने अपने भाई को मोबाइल पर मैसेज भेजकर खुदकशी की जानकारी भी दी।
बेरमो/बोकारो, जेेएनएन। तेनुघाट डैम में छलांग लगाने वाली दो सहेलियों की खोजबीन में एनडीआरएफ की टीम की ओर से बुधवार अपरान्ह से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू की गई है। प्रारंभिक तीन घंटे में अब तक टीम को कोई सफलता नहीं मिल पाई है। केबी कॉलेज बेरमो की दो छात्राओं ने मंगलवार अपरान्ह करीब डेढ़ बजे तेनुघाट डैम में छलांग लगा दी थी। डैम के अथाह पानी में दोनों सहेलियां एक साथ कूदी। डैम में छलांग लगाने से पहले एक छात्रा ने अपने भाई को मोबाइल पर मैसेज भेजकर खुदकशी की जानकारी भी दी। भागते-भागते परिजन भी वहां पहुंचे, लेकिन डैम के अथाह पानी में दोनों का कोई अता पता नहीं चल पाया। करीब तीन घंटे तक खेतको के गोताखोरों ने डैम में उतरकर दोनों को ढूंढ़ने की कोशिश भी की, लेकिन प्रयास विफल गया।
विलाप करते परिजन।
डैम में छलांग लगाने वाली मीना कुमारी (18) पिता बुधन तुरी और सुनीता कुमारी( 19) पिता चन्द्रदेव साव है। दोनों सहेली जारंगडीह की रहने वाली हैं और केबी कॉलेज में स्नातक की छात्रा हैं। इनमें से मीना के घर पर एक सोसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने अपनी मां को संबोधित करते हुए लिखा है कि बेटी के रिश्ते के लिए वह अपनी मां को इस तरह जलील होते नहीं देख सकती। उसका मर जाना ही परिवार के लिए बेहतर है।
तेनुघाट डैम में डूबी युवतियों को तलाशने में जुटी गोताखोरों की टीम।
दोनों सहेलियों ने अपना मोबाइल, चूड़ी और अंगूठी उतार कर गहरे पानी मे छलांग लगाई है। परिजनों के अनुसार, दोनों में गहरी दोस्ती थी। मंगलवार को कॉलेज में इंटरनल एग्जाम की बात बताकर घर से निकली थी। जारंगडीह से तेनुघाट की दूरी करीब 15 किमी है। दोनों परिवार की आर्थिक स्थिति भी कमजोर है। तेनुघाट ओपी पुलिस का कहना है कि डैम के रेडियल गेट की विपरीत दिशा में दोनों युवतियों ने डैम में छलांग लगाई है। संभावना जताई जा रही है कि दोनों ऑटो से वहां गई है। डैम में विशाल जल भंडार को देखते हुए दोनों के बचने की संभावना बहुत कम है। इस घटना से जारंगडीह सहित आसपास के क्षेत्र में मातम पसर गया है।