दस महीने बाद दर्ज हुई सामूहिक दुष्कर्म की प्राथमिकी
बोकारो : सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दस माह बाद बीते 17 जनवरी को सियालजोरी थाने में दर्ज प
बोकारो :
सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दस माह बाद बीते 17 जनवरी को सियालजोरी थाने में दर्ज प्राथमिकी में दर्ज होने पर कोर्ट ने भी थानेदार से स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि घटना के बाद आवेदन मिलने के बावजूद इतने बिलंब से प्राथमिकी क्यों दर्ज की गई। थानेदार को पंद्रह दिनों के अंदर कोर्ट को जवाब देना है। यह मामला मुख्यमंत्री जनसंवाद में भी पहुंचा।
पूरे मामले में दर्ज प्राथमिकी में धनबाद के सरायढेला थाना इलाके की रहने वाली 39 वर्षीय महिला ने बताया है कि वह सियालजोरी थाना इलाके में स्थित अपने समधी के घर पति के साथ बीते वर्ष 4 मार्च को गई थी। यहां से वह शाम सात बजे शौच करने जा रही थी, इसी दौरान रास्ते में जुमन समेत चार लोगों ने उसे पकड़ा और सुनसान जगह पर ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। बाद में उसने घटना की जानकारी अपने पति को दी। खौफ से उसने वहां इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। लेकिन वापस धनबाद आने के बाद उसने पूरे मामले की कार्रवाई का लिखित आवेदन पुलिस को दिया। बाद में मामला मुख्यमंत्री जनसंवाद पहुंचा।
एसपी कार्तिक एस मुख्यमंत्री जन संवाद में लंबित मामले की समीक्षा कर रहे थे तो यह मामला उनके सामने आया। गंभीर मामले में इतने बिलंब से प्राथमिकी दर्ज होने की वजह से एसपी ने सियालजोरी थानेदार कामता राम को बीते दिन सोमवार को निलंबित कर दिया।
- महिला ने ऑन लाइन भी दिया था आवेदन - बताया जा रहा है कि बीते वर्ष महिला का आवेदन मिलने के बाद पुलिस ने गंभीर आरोप के बावजूद प्राथमिकी दर्ज नहीं की। आरोपी पक्ष ने भी महिला समेत अन्य पर आरोप जड़ते हुए आवेदन दिया था। दोनों पक्षों की जांच थाने से लेकर अन्य स्तरों पर हुई पर प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। महिला ने बीते वर्ष जून माह में ऑन लाइन आवेदन देकर भी सामूहिक दुष्कर्म के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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वर्जन:
गंभीर प्रवृति के अपराध में थानेदार को तुरंत प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए थी। समीक्षा के दौरान सियालजोरी थानेदार को दोषी पाया गया तो उसे सोमवार को ही निलंबित कर दिया गया।
कार्तिक एस, एसपी बोकारो।