शादीशुदा महिला से एकतरफा प्यार बनी थी सुधीर की हत्या की वजह
अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम रंजीत कुमार की अदालत ने आरटीआइ कार्यकर्ता चंदनकियारी के हड़ाईकुरवा निवासी सुधीर रवानी हत्याकांड में लक्खी राम रवानी व बालिका देवी को दोषी करार दिया है।
जागरण संवाददाता, बोकारो: अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम रंजीत कुमार की अदालत ने आरटीआइ कार्यकर्ता चंदनकियारी के हड़ाईकुरवा निवासी सुधीर रवानी हत्याकांड में लक्खी राम रवानी व बालिका देवी को दोषी करार दिया है। बालिका देवी लक्खी राम की भाभी है। बालिका देवी के पति बुल्लू रवानी को अदालत ने शव छिपाने में दोनों हत्यारों की मदद करने में दोषी पाया है। सजा के बिदु पर अदालत ने सुनवाई की तारीख 18 जून निर्धारित की है। इस मामले में अभियोजन अदालत में अभियोजन का पक्ष अपर लोक अभियोजक संजय कुमार झा ने रखा।
10 अगस्त 2017 को मिला था शव: हड़ाईकुरवा गांव निवासी सुधीर रवानी 9 अगस्त 2017 को घर से निकला था, लेकिन फिर घर नहीं लौटा। अगले दिन इजरी नदी के किनारे सुधीर का शव मिला था। शव देखकर पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। मामले में सुधीर के पिता मदन रवानी की शिकायत पर पुलिस ने गांव के ही 10 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी तो नामजद आरोपितों की पूरी घटना में संलिप्तता नहीं मिली। फिर पुलिस ने दूसरे बिदु पर छानबीन शुरू की।
पुलिस को अनुसंधान के दौरान यह जानकारी मिली कि सुधीर गांव की ही बालिका देवी नामक महिला से एकतरफा प्रेम करता था। बालिका ने इसकी जानकारी अपने देवर लक्खी राम रवानी को दी। दोनों ने सुधीर की हत्या की योजना बना ली। घटना के दिन बालिका का पति काम पर चला गया, तब सुधीर बालिका से मिलने उसके घर पर आया। यहां देवर-भाभी ने मिलकर सुधीर की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को दोनों ने घर में ही छिपा दिया। शाम को जब बालिका का पति बुल्लू घर लौटा तो उसे घटना की जानकारी मिली। अपनी पत्नी बालिका व भाई लक्खी के साथ मिलकर बुल्लू ने बांस में रस्सी के सहारे शव को लटकाकर नदी किनारे ले जाकर फेंक दिया।