फूलों की वर्षा के बीच श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह की झांकी
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----------------------------------- - वरमाला का ²श्य देखकर झूम उठे सैकड़ों महिला-पुरुष श्रद्धालु - शारदा कॉलोनी में आयोजित लक्ष्मीनारायण यज्ञ में भगवान श्रीकृष्ण व रुक्मिणी विवाह प्रसंग का उल्लेख
संवाद सहयोगी, फुसरो (बेरमो) : फुसरो नगर अंतर्गत शारदा कॉलोनी में आयोजित लक्ष्मीनारायण यज्ञ में शनिवार की रात भगवान श्रीकृष्ण व रुक्मिणी विवाह प्रसंग का उल्लेख मानस कोकिला अनुराधा सरस्वती ने प्रवचन देते हुए किया। उस दौरान फूलों की वर्षा के बीच श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह की झांकी निकाली गई। वरमाला का ²श्य देखकर यहां उपस्थित सैकड़ों महिला-पुरुष श्रद्धालु झूम उठे। मानस कोकिला अनुराधा ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण अलौकिक हैं। श्रीकृष्ण के गुणों एवं सुंदरता पर मुग्ध होकर रुक्मिणी ने मन ही मन निश्चय किया कि वह श्रीकृष्ण के अलावा अन्य किसी को भी पति के रूप में वरण नहीं करेंगी। वहीं श्रीकृष्ण को यह बात पता चली कि विदर्भ के नरेश भीष्मक की पुत्री रुक्मिणी परम रूपवती तो हैं ही, परम सुलक्षणा भी हैं। मानस कोकिला ने बताया कि भीष्मक का बड़ा पुत्र रुक्मी भगवान श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था। वह अपनी बहन रुक्मिणी का विवाह शिशुपाल से करना चाहता था। उसने शिशुपाल के पास संदेश भेजकर विवाह की तिथि भी निश्चित कर दी थी। रुक्मिणी को जब यह बात पता चली, तो वे काफी दुखी हुईं। उन्होंने अपना निश्चय प्रकट करने के लिए एक ब्राह्मण को श्रीकृष्ण के पास द्वारिका भेजा, तो श्रीकृष्ण उनसे विवाह करने को राजी हो गए। यहां प्रवचन व झांकी के दौरान गिरिडीह के पूर्व सांसद रवींद्र कुमार पांडेय, सीसीएल सीकेएस के संयुक्त महामंत्री रवींद्र मिश्रा, आयोजन समिति के अध्यक्ष गांधी बाबा, गौरीशंकर गुप्ता, भोला दिगार, राजू दिगार, शंकर दिगार, ललन मल्लाह, कृष्णा रजवार सहित सैकड़ों महिला-पुरुष श्रद्धालु मौजूद थे।