साउथ एशियन गेम्स में बोकारो के राजीव को स्वर्णिम सफलता
बोकारो बोकारो इस्पात नगर के राजीव कुमार ने परिश्रम व लगन से खेल जगत में कमाल किया। इसने
बोकारो : बोकारो इस्पात नगर के राजीव कुमार ने परिश्रम व लगन से खेल जगत में कमाल किया। इसने नेपाल में 1 से 10 दिसंबर तक आयोजित साउथ एशियन गेम्स में स्वर्णिम सफलता हासिल की। राजीव ने भारतीय बास्केटबॉल टीम की ओर से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया और अपनी टीम को विजय दिलाई। बास्केटबॉल के फाइनल मैच में भारत ने श्रीलंका को पराजित कर स्वर्ण पदक हासिल किया।
-गरीबी में गुजरा बचपन
राजीव के पिता संतोष राय सेक्टर तीन चक्की मोड़ सेंटर मार्केट में फुटपाथ पर समोसा बेचते थे। माता झूलन देवी गृहिणी हैं। पिता की आय काफी कम थी। इसलिए इनका बचपन गरीबी में गुजरा। स्कूली स्तर पर ही खेल से लगाव था। इसलिए वे खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने लगे। पिता व माता भी इन्हें खेलकूद में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते थे। लेकिन बड़े भाई सूरज को यह पसंद नहीं था। वे राजीव को पढ़ाई में मन लगाने की सलाह देते थे। लेकिन राजीव ने खेलकूद का प्रशिक्षण जारी रखा। पिता की मृत्यु के बाद बड़े भाई सूरज ने भी इन्हें खेलकूद के लिए प्रोत्साहित किया। बास्केटबॉल उनका पसंदीदा गेम था। इसलिए प्रशिक्षक संजीव सिंह की देखरेख में बॉस्केटबॉल का प्रशिक्षण हासिल किया। हाजी मोहम्मद सिद्दिकी व प्रवीण ने राजीव की पढ़ाई, भोजन व आवासीय सुविधा का खर्च वहन किया। अजमेर की ओर से खेलते हुए राज्य स्तरीय टीम में स्थान सुनिश्चित किया। इसके बाद राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेकर शानदार प्रदर्शन किया। वे भारतीय टीम में शामिल होकर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी अपने कौशल का प्रदर्शन किया। राजीव ने 2017 में एयर फोर्स की नौकरी ज्वाइन की। वर्तमान में दिल्ली में पदस्थापित हैं।
-राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीता रजत
राजीव ने 2017 में नोएडा में आयोजित नेशनल गेम्स में राजस्थान की ओर से खेलते हुए कांस्य पदक जीता। 2018 में लुधियाना में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में रजत पदक के साथ मोस्ट वैल्यूवल प्लेयर का खिताब जीता। 2019 में पटना में आयोजित राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिता में राजस्थान की ओर से खेलते हुए रजत पदक हासिल किया। बैंकाक में एशियन गेम्स में टॉप स्कोरर रहे।