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कोयला उत्पादन को लेकर ग्रामीणों से मांगा सहयोग

फोटो 11 बीईआर 13 - सुरक्षा के मद्देनजर डीजीएमएस की ओर से मई माह में ही लगा दिया गया स

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 10:00 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 06:17 AM (IST)
कोयला उत्पादन को लेकर ग्रामीणों से मांगा सहयोग
कोयला उत्पादन को लेकर ग्रामीणों से मांगा सहयोग

फोटो : 11 बीईआर 13

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- सुरक्षा के मद्देनजर डीजीएमएस की ओर से मई माह में ही लगा दिया गया सेक्शन-22

संवाद सहयोगी, करगली (बेरमो) : सीसीएल ढोरी प्रक्षेत्र की एएडीओसीएम परियोजना की पुरनाटांड़ माइंस के एक पार्ट से कोयले का उत्पादन बीते पांच माह से अब तक बंद है। लगभग एक सौ मीटर के उक्त पार्ट में पुरनाटांड़ बस्ती के ग्रामीणों की शिकायत के बाद सुरक्षा के मद्देनजर डीजीएमएस की ओर से मई माह में ही सेक्शन-22 लगा दिया गया। तब से उस पार्ट से उत्पादन पूरी तरह बंद है। जबकि उस माइंस के करीब 500 मीटर क्षेत्र से कोयला उत्पादन किया जा रहा है। इसकी पुष्टि शुक्रवार को एएडीओसीएम परियोजना के पीओ पीएम यादव ने अपने कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए की।

पीओ ने कहा कि पुरनाटांड़ माइंस के एक पार्ट में सेक्शन-22 लगा दिए जाने के कारण उस पार्ट से कोयला उत्पादन नहीं हो पा रहा है। जबकि देश में इस वक्त कोयले का मांग काफी बढ़ गई है, जिसे पूरा करने के लिए ग्रामीणों को भी सहयोग करने की जरूरत है। कोयला उत्पादन करने के क्रम में माइंस के समीप बसी आबादी की सुरक्षा का पूरी तरह ख्याल प्रबंधन की ओर से रखा जाता है और भविष्य में भी सदैव रखा जाता रहेगा। माइंस को संचालित करने में प्रबंधन को ग्रामीण सहयोग करें। नियमित रूप से माइंस संचालित होने से देश को कोयला व सरकार को राजस्व की प्राप्ति होने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा।

23 मिलियन टन कोयला है रिजर्व: उन्होंने कहा कि ढोरी प्रक्षेत्र की बंद पड़ी पिछरी व अंगवाली कोलियरी के चालू हो जाने से ढोरी प्रक्षेत्र का भविष्य और ज्यादा उज्ज्वल होगा। बताया कि पिछरी कोलयरी में लगभग 23 मिलियन टन कोयला रिजर्व है। उक्त कोलियरी चालू हो जाने से लगभग 30 वर्षों तक कोयले का खनन किया जा सकेगा। वहीं अंगवाली कोलियरी में भी कई मिलियन टन कोयला रिर्जव है। इसलिए उक्त कोलियरियों को चालू कराने में स्थानीय लोग देशहित में सीसीएल प्रबंधन को सहयोग करें।


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