बोकारो के विधायक बिरंची ने बाबूलाल मरांडी को भेजा कानूनी नोटिस
विधायक बिरंची नारायण के अधिवक्ता अमरदीप झा ने झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी को कानूनी नोटिस भेजा है।
बोकारो, जेएनएन। बोकारो के विधायक बिरंची नारायण के अधिवक्ता अमरदीप झा ने झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी को कानूनी नोटिस भेजते हुए अपने आरोप वापस लेने व सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा है।
बाबूलाल मरांडी को भेजे गए नोटिस में कहा गया कि दिनांक छह जुलाई को बिना समुचित आधार व सही दस्तावेज के बोकारो विधायक बिरंची नारायण का चरित्र हनन करने के लिए झूठा आरोप लगाया गया। इस संबंध में राज्यपाल को भी पत्र दिया गया। जो कि गलत है। यदि सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते हैं और अपने आरोप वापस नहीं लेते हैं तो मानहानि व आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
वहीं, झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि वर्ष 2015 में जेवीएम के छह विधायकों का असंवैधानिक तरीके से भाजपा ने विलय कर लिया। दो को मंत्री बना दिया और तीन को निगम दे दिया। अब पता चल रहा है कि भाजपा के लोगों ने उन विधायकों को पैसा भी दिया। इस बात का उल्लेख सांसद रवींद्र राय ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लिखे पत्र में किया है। उस पत्र को उन्होंने झारखंड के संवैधानिक प्रधान राज्यपाल को जांच के लिए दिया है। यह एक गंभीर विषय है। लोकतंत्र में विधायक की खरीद फरोख्त करना लोकतंत्र के लिए कलंक है। इसकी सीबीआइ से जांच करनी चाहिए कि रुपये किनके द्वारा किनकी निगरानी में दिए गए।
कहा कि भाजपा के लोग इसकी जांच नहीं कराकर विभिन्न थानों में उन पर मामला दर्ज करवा रहे हैं। यहां तक कि रवींद्र राय उन्हें मानहानि का मामला दर्ज कराने की धमकी दे रहे हैं। मौके पर झाविमो नेता सुरेश साव, शोभा यादव, देवरी प्रखंड अध्यक्ष अनिल चौधरी, अनवर अंसारी, पूर्व मुखिया रामेश्वर सिंह, जनार्दन पटेल, सुनील साव, हाफिज फकरुद्दीन आदि मौजूद थे।
राष्ट्रपति का दरवाजा खटखटाएंगे
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विधायकों की खरीद फरोख्त मामले को ले वे राष्ट्रपति का भी दरवाजा खटखटाएंगे। ये बातें उन्होंने गांडेय के डाकबंगला स्थित पुस्तकालय भवन में प्रेस वार्ता के क्रम में कही। कहा कि उन्हें 19 जनवरी 2015 को रवींद्र कुमार राय का हस्ताक्षर युक्त पत्र मिला है उसे राज्यपाल को सौंपकर इसकी सीबीआइ से जांच कराने की मांग की ताकि जो भी लोग इस खरीद बिक्री में शामिल हैं वे पकड़ में आ सकें व उन्हें सजा मिल सके। मामला ग्यारह करोड़ का है इसलिए इसकी थाना से जांच नहीं हो सकती है। इसे सीबीआइ ही जांच कर साफ कर सकती है।
कहा कि जिस दिन केंद्र और प्रदेश में उनके हाथों में सत्ता होगी या जांच एजेंसी होगी उस दिन इसे प्रमाणित कर देंगे कि पत्र किसने लिखा है और उसमें किसके हस्ताक्षर हैं। हमारे छह विधायक जेवीएम से जीते जिन्हें पैसे व पद के प्रलोभन में भाजपा में शामिल कर लिया गया। दसवीं अनुसूची दलबदल की इजाजत नहीं देती है। इस आशय का केस विधानसभा अध्यक्ष के पास दर्ज है। जल्द ही इसका फैसला होना है। उन्होंने भाजपा सरकार से कहा कि उनके पास सारी जांच एजेंसियां हैं। आरोप प्रत्यारोप लगाने से अच्छा है कि इसकी जांच करा लें तो मामला खुद ब खुद साफ हो जाएगा।