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बुरी खबर: कछुए की गति से रेंग रहा काम, 2019 में भी आप बोकारो से नहीं भर पाएंगे उड़ान

2019 की पहली बुरी खबर यह है कि इस साल भी आप यहां से हवाई सेवा का आनंद नहीं ले पाएंगे। हवाईअड्डे के विस्तारीकरण का काम तब तक नहीं होगा, जब तक पेड़ व झाड़ियां साफ नहीं हो जातीं।

By Deepak PandeyEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 04:34 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 04:34 PM (IST)
बुरी खबर: कछुए की गति से रेंग रहा काम, 2019 में भी आप बोकारो से नहीं भर पाएंगे उड़ान

जागरण संवाददाता, बोकारो: 2019 की पहली बुरी खबर यह है कि इस साल भी आप यहां से हवाई सेवा का आनंद नहीं ले पाएंगे। बोकारो हवाईअड्डे के विस्तारीकरण एवं जीर्णोद्धार का काम तब तक नहीं होगा, जब तक यहां से पेड़ व झाड़ियां साफ नहीं हो जातीं। यदि प्रशासन इस काम में सहयोग करे तो पांच माह में हवाई अड्डा बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन अपेक्षित सहयोग मिल नहीं पा रहा।

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यह कहना है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुख्य प्रबंधक अभियंत्रण अशोक विश्वास का। वे शुक्रवार को बोकारो हवाई अड्डे के कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्होंने अब तक कि कार्य की प्रगति की जानकारी ली। कहा कि पेड़ पूरे हवाई अड्डे के विकास कार्य में बाधा है। तकनीकी प्रबंधक सिमरजित सिंह का कहना है कि इसके लिए मुख्यालय स्तर पर भी और व्यक्तिगत स्तर पर सेल व जिला प्रशासन से अपील किया गया है। देखना है कब तक उनकी अपील पर सुनवाई हो रही है। फिर से इस संबंध में प्रयास करेंगे।

अगस्त में 15 दिन का दिया था समय, बीत गया दिसंबर: अगस्त माह में जब एयरपोर्ट की टीम बोकारो आई थी तो जिले के उपायुक्त से लेकर बोकारो इस्पात प्रबंधन के अधिकारियों ने इस बात का भरोसा दिया था कि काम आगे बढ़ाएं। पेड़ कटवाना 15 दिन का काम है, लेकिन चार माह बाद भी स्थित‍ि वही है। अब पेड़ काटने की जवाबदेही एक दूसरे पर फेंकने की बात हो रही है। जिला प्रशासन कभी सेल तो कभी एएआई को बोल रहा है। सेल भी एएआई को बोल रहा है। वहीं एएआई का कहना है कि खर्च वहन के लिए तैयार हैं, लेकिन जिसका हवाई अड्डा है उसे पेड़ काटना है।

एएआई के अध्यक्ष के पत्राचार का भी नहीं पड़ा असर: कागज पर हवाई जहाज उड़ाने के लिए बेचैन जिला प्रशासन व राज्य सरकार की सुस्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी के अध्यक्ष गुरुदास महापात्रा, जो कि 1986 बैच के भारतीय प्रशासनिक अधिकारी है, उनकी अपील भी झारखंड में नहीं सुनी गई। उनकी अपील पर राज्य मुख्यालय ने इतना जरूर किया कि एक पत्र जिले को भेज दिया। इसके बाद जिला कि ओर से भी एक पत्र भेज दिया गया, लेकिन किसी ने इसका समाधान निकालने की दिशा में कुछ नहीं किया।

"पेड़ काटने का टेंडर निकालने का काम एयरपोर्ट अथॉरिटी को करना है। हमारे पत्र का मतलब यह है कि वन प्रमंडल पदाधिकारी व भवन निर्माण विभाग के अधिकारी इसमें समन्वय करेंगे।"

-प्रवीण टोप्पो, सचिव नगर विमानन विभाग


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