आवास योजना के लाभुकों के चयन में गड़बड़झाला
जाटी, बेरमो / गोमिया (बेरमो) : गोमिया प्रखंड की होसिर पश्चिमी पंचायत में इंदिरा आवास और प्रधा
जाटी, बेरमो / गोमिया (बेरमो) : गोमिया प्रखंड की होसिर पश्चिमी पंचायत में इंदिरा आवास और प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुक चयन में व्यापक गड़बड़ी बरती गई है। इसकी शिकायत मिलने पर गुरुवार को उपविकास आयुक्त रवि रंजन मिश्रा गोमिया पहुंचकर शिकायतों की बिन्दुवार जांच की।
उन्होंने संबंधित योजनाओं के लाभुक आशा देवी, मीना देवी, परनी देवी, राम प्रसाद साहू व हेमलाल केवट आदि से पूछताछ की। आवास योजना की जांच के दौरान डीडीसी ने कई अनियमितताएं पकड़ी। बताया जाता है कि वैसे लाभुक जिन्हें पूर्व में इंदिरा आवास योजना का लाभ दिया गया था, उन्हें पुन: प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभुक बना दिया गया है। कई लाभुकों ने सरकारी भुगतान लेने के बाद भी आवास निर्माण नहीं कराया। इसके अलावा एक लाभुक जिनका पूर्व से पक्का मकान है और उनके घर में सारी सुविधाएं उपलब्ध है, उसे भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभुक बना दिया गया है। इसमें मानकों की अनदेखी कर नियम को ताक पर रखकर योजनाएं स्वीकृत की गई है। उपविकास आयुक्त ने इसे गंभीरता से लेते हुए होसिर पश्चिमी पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुक चयन में हुई व्यापक गड़बड़ी और अनियमितता पर मुखिया रामवृक्ष रविदास, पंचायत सेवक गोपाल प्रसाद, रोजगार सेवक मदन रजक तथा स्वयं सेवक सच्चिदानंद प्रसाद सहित दो अन्य को जिम्मेदार ठहराया है।
डीडीसी मिश्रा ने कहा कि जांच रिपोर्ट उपायुक्त के पास भेज कर उक्त तीनों पर प्रशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी। डीडीसी ने बताया कि दोषियों से आवास योजना की राशि भी वसूली जाएगी। जांच के दौरान गोमिया बीडीओ मोनी कुमारी भी उपस्थित थीं। डीडीसी की ओर से जांच पड़ताल की कार्रवाई शुरू करने के बाद होसिर पंचायत प्रशासन के होश उड़ गए हैं। बता दें कि बीते दिनों ऐसी ही एक मामले में चंद्रपुरा प्रखंड की तरंगा पंचायत की मुखिया रीता देवी के वित्तीय अधिकार आवास योजना में गड़बड़ी की पुष्टि के बाद उपायुक्त ने जब्त कर लिए थे वहीं पानी टेंकर और सोलर प्लेट खरीद में शिकायत मिलने पर चंद्रपुरा प्रखंड की ही तेलो पश्चिमी पंचायत की मुखिया सीमा देवी के वित्तीय अधिकार जब्त किए गए थे।
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प्रखंड या जिला प्रशासन की ओर से पंचायत को इंदिरा आवास की सूची नहीं दी गई थी। जब लाभुकों ने पीएम आवास के लिए आवेदन दिया तो इसकी जांच कराई गई जिसमें उनका कच्चा मकान पाया है। इसी आधार पर लाभुकों का चयन किया गया। इसमें मानकों का पूरा ख्याल रखा गया है, जिन लाभुकों के नाम पर आवास आवंटित किए गए हैं, उनके नाम पर कोई पक्का मकान नहीं है। गहराई से जांच करने पर सच्चाई सामने आ जाएगी।
- रामवृक्ष रविदास, मुखिया, होसिर पश्चिमी पंचायत।