दुष्कर्म बाद मासूम की हत्या के आरोपी को सजा-ए-आजीवन कारावास
Bokaroघटना बीते वर्ष 24 नवंबर को सियालजोरी थाना इलाके में हुई थी। छोटू कर्मकार अपने ही गांव में रहने वाली एक महिला की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। फिर हत्या कर दी।
बोकारो, जेएनएन। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो रंजीत कुमार की अदालत ने 7 वर्षीय मासूम बच्ची की दुष्कर्म के बाद गला घोंटकर हत्या के मामले में सियालजोरी निवासी छोटू कर्मकार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बच्ची की हत्या के लिए दोषी पाते हुए अदालत ने आजीवन कारावास की सजा के अलावा 20 हजार रुपये का जुर्माना किया है। दुष्कर्म के लिए भी अदालत ने दोषी पाते हुए इसे अलग से 20 वर्ष कैद की सजा के साथ बीस हजार रुपये जुर्माना का जुर्माना लगया है।
छोटू को बीते एक जून को ही दोषी करार देते हुए अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई की तारीख 6 जून की निर्धारित की थी। इस मामले में अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार झा ने बहस किया। घटना बीते वर्ष 24 नवंबर को सियालजोरी थाना इलाके में हुई थी। छोटू कर्मकार अपने ही गांव में रहने वाली एक महिला से उसके अर्धनिर्मित आवास की चाबी आराम करने के लिए मांगकर ले गया। यह आवास प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहा था। आवास के बाहर खेलने गई मकान मालकिन की सात वर्षीय बच्ची जब अपने घर शाम को नहीं लौटी तो वह अपने अर्धनिर्मित मकान में बच्ची को खोजने गई। बच्ची का शव पड़ा हुआ था। जिस बिस्तर पर बच्ची का शव पड़ा हुआ था वहां पर खून भी पसरा हुआ था। सूचना मिलने पर पुलिस आई और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। परिस्थितिजन्य साक्ष्य इस बात की ओर इशारा कर रहे थे कि बच्ची के साथ पहले दुष्कर्म किया गया, फिर हत्या। जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली तो उसमें इस बात का खुलासा हुआ कि बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने छोटू कर्मकार को इस आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अनुसंधान के बाद छोटू के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया गया। अदालत ने विचारण के बाद दुष्कर्म व हत्या में दोषी
करार देते हुए छोटू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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