गुरु गोविद सिंह ने दिया प्रेम, शांति व सद्भाव का संदेश
चास-बोकारो में सिख समुदाय के लोगों ने बैसाखी पर्व मनाया। लॉकडाउन को लेकर बोकारो इस्पात नगर के सेक्टर दो सी एवं चास स्थित गुरुद्वारा को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा गया है।
जागरण संवाददाता, बोकारो: चास-बोकारो में सिख समुदाय के लोगों ने बैसाखी पर्व मनाया। लॉकडाउन को लेकर बोकारो इस्पात नगर के सेक्टर दो सी एवं चास स्थित गुरुद्वारा को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा गया है। इसलिए सिख समुदाय के लोगों ने अपने घर में ही गुरु की आराधना की। श्रद्धालुओं ने अखंड पाठ किया।
जीजीईएस के सचिव सह श्री गुरु सिंह सभा के राज्य सचिव सुरेंद्र पाल सिंह ने कहा कि आज के ही दिन गुरु गोविद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। इसका लक्ष्य धर्म व नेकी के आदर्श के लिए सदैव तत्पर रहना था। सामाजिक भेदभाव को खत्म करना था। इसलिए गुरुदेव ने पंज प्यारों को अमृत चखाया एवं स्वयं भी उनके हाथों से अमृत पान किया था। इसके बाद ही सिखों के लिए केश, कंघा, कड़ा, कच्छा और कृपाण धारण करना जरूरी किया था। कहा कि लॉकडाउन को लेकर अकाल तख्त श्री दरबार साहिब अमृतसर के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सभी गुरुद्वारे को पत्र प्रेषित कर बैसाखी पर कार्यक्रम के आयोजन नहीं करने की सलाह दी। इसके आलोक में इस वर्ष गुरुद्वारा में कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया। श्रद्धालुओं ने अपने घर में ही गुरु की पूजा-अर्चना की।
जीजीईएस के अध्यक्ष तरसेम सिंह ने कहा कि गुरु गोविद सिंह सामाजिक समरसता के पक्षधर थे। गुरु ने लोगों आपस में मिलजुल कर रहना सिखाया। सेक्टर दो गुरुद्वारा के प्रधान जीएस बिंद्रा ने कहा कि गुरु ने लोगों शांति व अहिसा का ज्ञान दिया। आज के दौर में इनके वचन की प्रासंगिकता बढ़ गई है।
श्रद्धालुओं ने गुरु की महिमा का किया बखान: श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन गुरु का पाठ किया। उन्होंने टेलीविजन पर गुरु से संबंधित कार्यक्रम देखा। लोगों ने उनकी महिमा का बखान किया। साथ ही ऑनलाइन शबद-कीर्तन का श्रवण किया। लोगों ने विश्व के लोगों के निरोगी काया की कामना की।