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कोनार बैराज के चार गेट टूटे, जलसंकट से जूझ रही एक लाख आबादी

संवाद सहयोगी कथारा (बेरमो) पिछले दिनों हुई मूसलधार बारिश की वजह से बोकारो थर्मल स्थित

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 01:30 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 01:30 AM (IST)
कोनार बैराज के चार गेट टूटे, जलसंकट से जूझ रही एक लाख आबादी
कोनार बैराज के चार गेट टूटे, जलसंकट से जूझ रही एक लाख आबादी

संवाद सहयोगी, कथारा (बेरमो) : पिछले दिनों हुई मूसलधार बारिश की वजह से बोकारो थर्मल स्थित कोनार नदी में बीते शनिवार को उफान आने पर डीवीसी के पुल में बने बैराज के चार गेट टूटकर पानी में बह जाने से कथारा क्षेत्र की लगभग एक लाख आबादी को जलसंकट झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है। क्योंकि बैराज के गेट टूट जाने से बोकारो थर्मल स्थित कोनार नदी में जल संचय का स्तर काफी कम हो गया है। पर्याप्त मात्रा में जलजमाव नहीं होने से सीसीएल की रिवर साइड तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है, जिसके कारण कथारा क्षेत्र में जलापूर्ति ठप हो गई है। अगर जल्द ही डीवीसी प्रबंधन की ओर से बैराज के चारों गेट को नहीं लगाया गया तो कथारा क्षेत्र की पूरी आबादी बूंद-बूंद पानी को तरसने को मजबूर हो जाएगी। हालांकि अभी से पूरा कथारा क्षेत्र जलसंकट की समस्या से जूझने की स्थिति में आ चुका है। -गेट लगवाने में 15 दिन का लग सकता है समय: जानकार सूत्रों के अनुसार डीवीसी प्रबंधन को बैराज में चारों गेट लगवाने में कम से कम 15 दिन या उससे भी ज्यादा समय लग सकता है। वहीं, सीसीएल प्रबंधन ने यदि कोनार नदी का पानी रिवर साइड तक वैकल्पिक तरीके से पहुंचाने का उपक्रम करेगा तो उसमें भी काफी समय लग सकता है। इसलिए सीसीएल के रिवर साइड पर निर्भर रहने वाले कथारा क्षेत्र के लोगों के जीवन पर पानी की समस्या एक बड़ी आफत के रूप में खड़ी हो गई है। हालांकि, जिन स्थानों में चापाकल, कुआं आदि हैं वहां थोड़ी राहत है, लेकिन वह भी यहां की बड़ी आबादी के लिए ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है।

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कालोनियों में पानी सप्लाई पूरी तरह बाधित: कथारा क्षेत्र की कालोनियों में पानी सप्लाई बीते शनिवार से ही पूरी तरह बाधित है। उन कालोनियों में स्टाफ कालोनी, आफिसर्स कालोनी, रेलवे कालोनी, रेस्क्यू कालोनी, सीपीपी कालोनी, हास्पिटल एरिया की एक, दो, तीन व चार नंबर कालोनी, बांध कालोनी और आइबीएम कालोनी शामिल हैं। साथ ही स्थानीय महलीबांध, कमलटोला आदि दर्जनों गांवों में भी जलापूर्ति ठप है। वहीं, सीसीएल कथारा महाप्रबंधक आवास व कार्यालय सहित अतिथिगृह, आफिसर्स क्लब व परियोजना कार्यालय में भी पानी का अभाव हो गया है। कथारा क्षेत्र में पानी की सप्लाई कितने दिन तक बाधित रहेगी, यह स्पष्ट रूप से कहा नहीं जा सकता। जलापूर्ति बंद रहने के कारण कथारा कोलवाशरी का उत्पादन भी पूरी तरह से ठप हो गया है।

--मैथन की विशेषज्ञ टीम के आने का इंतजार : बोकारो थर्मल स्थित बैराज में गेट लगाने के लिए मैथन की विशेषज्ञ टीम के आने का इंतजार हो रहा है। टीम के आने के बाद ही उसके परामर्श अनुसार बैराज में गेट लगाने का कार्य शुरू किया जा सकेगा। उसके बाद गेट का कार्य पूरा करने में कितना समय लगेगा, यह भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। जबकि कोनार नदी में पानी का ठहराव नहीं होने के कारण डीवीसी के उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ेगा।


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