शंखनाद से खुला पट, ढाक बजा भगवती का स्वागत
जागरण संवाददाता बोकारो गुरुवार को बोकारो इस्पात नगर के सेक्टर तीन बी बंग भारती सेक्टर
जागरण संवाददाता, बोकारो : गुरुवार को बोकारो इस्पात नगर के सेक्टर तीन बी बंग भारती, सेक्टर तीन चक्की मोड़, सेक्टर चार सिटी सेंटर, सेक्टर आठ काली बाड़ी, सेक्टर एक रंग मंच के अलावा चास में मां दुर्गा का पट खुला। यहां बांग्ला विधि-विधान से माता दुर्गा की पूजा की जा रही है। पट खुलते ही पूजा पंडालों में आस्था का सागर उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने पुरोहित के साथ माता दुर्गा की आराधना की। शंखनाद किया। यहां कलाकारों ने ढाक बजाया। माता की आरती की गई। श्रद्धालु माता की भक्ति में लीन हैं।
विधायक अमर कुमार बाउरी व पूर्व विधायक समरेश सिंह जैनामोड़ स्थित पूजा पंडाल में पहुंचे। इन्होंने भक्तों के साथ माता की आरती की। बोकारो इस्पात नगर के सेक्टर दो बी, सेक्टर दो सी, सेक्टर चार सिटी सेंटर, सेक्टर चार डी, सेक्टर चार एफ, सेक्टर पांच, सेक्टर छह, सेक्टर आठ, सेक्टर नौ वैशाली मोड़, सेक्टर 12 ए, सेक्टर 12 ए-ई, को-आपरेटिव कालोनी के अलावा आसपास के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में पूजा पंडाल का पट 23 अक्टूबर को खुलेगा। ----बंग भारती सेक्टर तीन में 53 वर्ष से हो रही मां दुर्गा की पूजा
बंग भारती सेक्टर तीन बी में 53 वर्ष से मां दुर्गा पूजनोत्सव मनाया जा रहा है। पूजा समिति के राजू ने कहा कि बांग्ला विधि-विधान से माता की पूजा-अर्चना की जा रही है। सरकार के गाइडलाइन का अनुपालन किया जा रहा है। चक्की मोड़ सेक्टर तीन में 42 वर्ष से पूजनोत्सव का आयोजन हो रहा है। समिति के रतन साहा ने कहा कि मां दुर्गा अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। श्रद्धालु माता की भक्ति में लीन हैं। रंग मंच सेक्टर एक में 1967 से मां दुर्गा पूजनोत्सव मनाया जा रहा है। वहीं काली बाड़ी में 15 वर्षों से माता दुर्गा पूजनोत्सव का आयोजन किया जाता है। पूजा पंडाल में सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी का अनुपालन करने की नसीहत दी जा रही है। सिटी सेंटर सेक्टर चार में 15 वर्षों से दुर्गोत्सव मनाया जा रहा है। ----नहीं लगा मेला, बिजली से नहीं की गई सजावट
बोकारो इस्पात नगर के सेक्टर दो सी, सिटी सेंटर सेक्टर चार, सेक्टर नौ वैशाली मोड़ व सेक्टर 12 पूजा पंडाल के निकट मेला लगाया जाता था। लेकिन इस वर्ष यहां मेला नहीं लगाया गया है। यहां पूजा पंडाल व आसपास के क्षेत्र में बिजली के रंगीन बल्ब से सजावट भी नहीं की गई है।