पेट्रोल पंप पर नहीं होगा प्रदूषण जांच केंद्र तो लाइसेंस होगा रद
डीटीओ ने जिले भर के पंप मालिकों को दिया 24 घंटे का समय कहा- लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं मिला तो सोमवार से होगी सख्त कार्रवाई
जागरण संवाददाता, बोकारो : 24 घंटे के अंदर अगर जिले के पेट्रोल पंप मालिक अपने पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र के लिए लाइसेंस लेने का आवेदन नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ सख्ती बरती जाएगी। जिला परिवहन पदाधिकारी संतोष गर्ग ने बताया कि सोमवार से उन पेट्रोल पंप मालिकों पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी जिनके यहां से प्रदूषण जांच केंद्र के लिए आवेदन नहीं मिलेगा।
बताया कि राज्य मुख्यालय ने एक अक्टूबर तक सभी पंपों का आवेदन मांगा है। इसको लेकर कई बार पूर्व में पत्राचार भी किया गया। बावजूद इसके कई पंप मालिकों ने जांच केंद्र के लिए आवेदन नहीं किया। पहले आवेदन मुख्यालय में देना होता था। राज्य मुख्यालय ने इस नियम को सरल करते हुए आवेदन डीटीओ को ही देने का आदेश दिया है। कहा है कि एक अक्टूबर तक आवेदन मुख्यालय को मिल जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश का हवाला दे राज्य मुख्यालय बीते वर्ष से ही हर पेट्रोल पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने का आदेश देते रहा है। कई पंप मालिक इस बात की सूचना जांच के बाद देते रहे हैं कि वह मुख्यालय में आवेदन दिए हैं। इस बार मुख्यालय ने डीटीओ को ही आवेदन देने का आदेश दिया है। डीटीओ ने यह कहा कि मुख्यालय ने उनके अलावा राज्य भर के डीटीओ का वेतन बंद कर दिया है। एक अक्टूबर को अगर सूची मुख्यालय भेज दी जाएगी तो वेतन निकासी का आदेश मिल जाएगा। ऑनलाइन निर्गत होगा प्रदूषण सर्टिफिकेट
डीटीओ ने बताया कि वर्तमान में जिले में 13 प्रदूषण जांच केंद्र हैं। निकट भविष्य में इसकी संख्या बढ़ने वाली है। सभी प्रदूषण जांच केंद्र के संचालकों को वाहन नामक साफ्टवेयर में एंट्री कर ऑनलाइन प्रदूषण सर्टिफिकेट इश्यू करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक ओर सरकार को इससे राजस्व भी मिलेगा तो दूसरी ओर सर्टिफिकेट का फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकेगा।