उपेक्षा का दंश झेल रहा ढोरी मैदान
संवाद सहयोगी करगली (बेरमो) बेरमो कोयलांचल का ढोरी मैदान उपेक्षा का दंश झेल रहा है
संवाद सहयोगी, करगली (बेरमो) : बेरमो कोयलांचल का ढोरी मैदान उपेक्षा का दंश झेल रहा है। हालांकि सीसीएल प्रबंधन मिशन ओलंपिक के तहत खेल प्रतिभाओं को निखारने का काम कर रहा है। राज्य सरकार भी खेल व खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। यहां सीसीएल के बीएंडके व ढोरी प्रक्षेत्र में दो खेल मैदान हैं, परंतु सुविधा नदारद है। इस कारण उक्त मैदानों में खिलाड़ियों को अभ्यास करने में परेशानी होती है। बेरमो में कई ऐसे खिलाड़ी है जो जिला व राज्य स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। ढोरी फुटबॉल मैदान पूर्व में काफी बड़ा था। यहां सुबह से शाम तक फुटबॉल, कबड्डी, किक्रेट आदि खेल होते थे। साथ ही आसपास के लोग सुबह की सैर भी इस मैदान में करते थे। वर्तमान में यह मैदान अतिक्रमण की जद से दिनोंदिन सिकुड़ता जा रहा है। इस वजह से खिलाड़ियों को इसमें अभ्यास करने में काफी परेशानी हो रही है। इस मैदान में जल निकासी की भी व्यवस्था नहीं है। रखरखाव भी भगवान भरोसे है। वहीं करगली मैदान का कुछ भाग सीआइएसएफ के कब्जे में है। इस मैदान की दर्शकदीर्घा टूट चुकी है।
सूबे के पूर्व खेल मंत्री अमर कुमार बाउरी ने दो वर्ष पहले बेरमो में स्टेडियम बनवाने की घोषणा की थी। इसके लिए उन्होंने सीसीएल प्रबंधन से पर्याप्त जमीन देने का आग्रह किया था। उनकी घोषणा के दो वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई। वहीं सीसीएल के सीएसआर मद से खेल मैदानों के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव लिया गया था, लेकिन उसे अमल में नहीं लाया गया। सीसीएल ढोरी प्रक्षेत्र के पूर्व जीएम चरण सिंह ने ढोरी मैदान का निरीक्षण कर प्रस्ताव तैयार किया था। वर्ष 2014 में उनके स्थानांतरण के बाद उक्त प्रस्ताव खटाई में पड़ गया। वर्जन ढोरी मैदान के जीर्णोद्धार के लिए पूर्व में ही सीसीएल मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। खेल के विकास के लिए सीसीएल प्रतिबद्ध है। खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए सीसीएल मिशन ओलंपिक के तहत काम कर रही है। करगली ग्राउंड में स्पोर्ट्स एकेडमी खोली जा रही है।
- पी वाजपेयी, जीएम, सीसीएल ढोरी प्रक्षेत्र