भारतीय अर्थव्यवस्था को चौपट कर चुकी मोदी सरकार
मोदी सरकार की कथित जनविरोधी व केंद्रीय बजट के खिलाफ सहित अन्य मांगों को लेकर गुरुवार को सभी वामदलों ने संयुक्त रूप से उपायुक्त कार्यालय के पास धरना दिया।
संवाद सहयोगी, बोकारो: मोदी सरकार की कथित जनविरोधी व केंद्रीय बजट के खिलाफ सहित अन्य मांगों को लेकर गुरुवार को सभी वामदलों ने संयुक्त रूप से उपायुक्त कार्यालय के पास धरना दिया। वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट गरीब विरोधी है। इस बजट से देश की बहुसंख्य आबादी की जिदगी को और ज्यादा मुश्किल बनाने की कोशिश हो रही है। मोदी सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है। गरीबों पर अत्याधिक बोझ लादा जा रहा है। वहीं कारपोरेट कंपनियों को एक के बाद एक छूट और रियायतें दी जा रही हैं। इसी वजह से भारत की जनता में आर्थिक असमानता खाई बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि एलआइसी, जो भारतीय जनता की जीवन भर की बचत की सबसे सुरक्षित जगह है, उसका भी केंद्र सरकार निजीकरण करना चाहती है। मांग रखी कि केंद्र सरकार मजदूरों की स्थिति को सुधारने के लिए न्यूनतम मजदूरी 21 हजार रुपये करे। मोदी सरकार सीएए, एनपीआर, एनआरसी के जरिए अपने कट्टर हिंदूत्ववादी एजेंडे को लागू करके जनता की एकता को विभाजित कर रही है और देश भर में लोगों के बीच नफरत-हिसा के माहौल को बढ़ावा दे रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वयंवर पासवान व संचालन राज कुमार गोरांई ने किया।
मौके पर सीपीएम के बीडी प्रसाद, रामचंद्र ठाकुर, भागीरथ शर्मा, सीपीआई के राजेंद्र यादव, पंचानन महतो, भाजपा माले के देवदीप सिंह दिवाकर, जेएन सिंह, बालेश्वर गोप, मासस के भीम रजक व श्याम सुंदर महतो, विश्वनाथ बनर्जी, लोकनाथ सिंह, इश्तयाक अंसारी, बैजनाथ महतो, दौलत महतो, शकुर अंसारी, गयाराम शर्मा आदि थे।