बगैर प्रशिक्षण कामगारों को खदान में जाने की इजाजत नहीं
बेरमो : सीसीएल की कोयला परियोजनाओं में उत्पादन कार्य में लगी विभिन्न आउटसोíसंग कंपनियों के
बेरमो : सीसीएल की कोयला परियोजनाओं में उत्पादन कार्य में लगी विभिन्न आउटसोíसंग कंपनियों के वैसे कामगार जो खदान के अंदर जाकर कार्य करते हैं, उन्हें विभागीय स्तर से प्रशिक्षित करने के बाद ही खदानों में प्रवेश की इजाजत दी जाएगी। यह व्यवस्था पूर्व से ही है लेकिन इसकी गहन छानबीन नहीं होने के कारण आउटसोíसंग कंपनियां अपने वैसे कामगारों को भी माइ¨नग कार्य के लिए लगा देती है जो अनुभवहीन और गैर प्रशिक्षित है। इस मानक का अब कड़ाई से अनुपालन होगा।
सीसीएल ढोरी प्रक्षेत्र की ओर से चपरी गेस्ट हाऊस में आयोजित सुरक्षा समिति की बैठक में सीसीएल की ढोरी खास परियोजना के पीओ बीके साहू ने उक्त बातें कही। वे प्रबंधन व माइ¨नग स्टफ के बीच सुरक्षा मानकों की समीक्षा कर रहे थे।
बता दें कि बीते एक पखवारा पूर्व ढोरी खास की 7-8 इंकलाइन भूमिगत खदान में आउटसोíसंग कामगार मुनारिक नोनिया की मौत हो गई थी। प्रबंधन ने उक्त हादसे के बाद भूमिगत खदान के अंदर की सुरक्षा बढ़ा दी है। प्रबंधन ने आउटसोíसंग कंपनी को खबरदार किया है कि वे यह बात को सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृति नहीं हो। पीओ ने कहा कि कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रबंधन गंभीर है, लेकिन इसमें सुरक्षा के साथ शून्य दुर्घटना पहली प्राथमिकता है।
कहा कि देश के पावर सेक्टर में कोयला की खपत बढ़ी है। इस कारण यहां सीसीएल को भी अधिक डिमांड भेजा जा रहा है, कारोबार को ऊंचाई तक ले जाने के लिए सीसीएल इन मांगों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए आउटसोíसंग कंपनियों का भी सहारा लिया जा रहा है। बैठक में माइ¨नग स्टाफ की ओर से बिजली, सुरक्षा उपकरण, मशीनों के रखरखाव में तत्परता सहित संडे ड्यूटी में कटौती के सवाल पर अपनी बात रखी गई।
बैठक में अन्य लोगों के अलावा मैनेजर एसके ¨सह, योगेश श्रीवस्तव, धनंजय ¨सह, गौतम कुमार, हीरालाल रविदास, रमाशंकर ¨सह, समरेश गुप्ता, कमलेश गप्ता, हेम्ब्रम कुमार, गोपाल पासवान, पंकज ¨सह आदि थे।