Move to Jagran APP

बिजली व्यवस्था में सुधार के आसार नहीं

बोकारो : चास सहित अन्य क्षेत्रों की बिजली व्यवस्था में तत्काल कोई बड़ा बदलाव नहीं हो सकता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 08:52 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 08:52 PM (IST)
बिजली व्यवस्था में सुधार के आसार नहीं
बिजली व्यवस्था में सुधार के आसार नहीं

बोकारो : चास सहित अन्य क्षेत्रों की बिजली व्यवस्था में तत्काल कोई बड़ा बदलाव नहीं हो सकता है। बोकारो की जनता को वर्तमान परिस्थितियों में जीवन जीने की आदत को डाल लेना होगा। चूंकि आने वाले कुछ माह में इस व्यवस्था में कोई बड़ा बदलाव होगा। ऐसा न तो डीवीसी व जेवीभीएनल का प्लान है और न ही दोनों कंपनियों के पदाधिकारियों का संकेत कि बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी। यदि काफी कुछ दबाव बढ़ेगा तो गरीबों के घर की बिजली में कटौती कर चास के प्रमुख एक दो फीडर में बिजली की उपलब्धता बढ़ाया जा सकता है। हालांकि सांसद व विधायकों के दबाव में छुट्टी के बाद भी गुरूवार को उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरनवाल ने बिजली के अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की। बैठक का कोई परिणाम नहीं निकला। इसके बाद उपायुक्त ने फिर से शुक्रवार को बैठक करने का आदेश दिया। बैठक के दौरान उपायुक्त ने कई बार कड़ी नाराजगी प्रकट की।

loksabha election banner

---------------------------------------------

डाटा को लेकर पूरे बैठक में होती रही चर्चा :

उपायुक्त के सामने डीवीसी चंद्रपुरा च बोकारो थर्मल के साथ झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक के बीच डाटा को लेकर चर्चा चलती रही। दोनों उपक्रमों के अधिकारियों ने पूरी बैठक को कंफ्यूज किया। मजबूरी में बोकारो विधायक बिरंची नारायण, डुमरी विधायक जगरनाथ महतो, गोमिया विधायक के प्रतिनिधि योगेन्द्र महतो 24 घंटे की सीमा से पीछे होकर कम से कम 16 घंटे बिजली आपूर्ति करने का आग्रह करते रहे। जबकि डीवीसी व जेवीभीएनएल के अधिकारी विधायकों को भी झूठा आश्वासन देने से नहीं चुके, और कह दिया कि 16 घंटे बिजली सुनिश्चित करेंगे। विधायकों ने बैठक में रोष प्रकट करते हुए डीवीसी के अधिकारियों पर कमांड क्षेत्र में बिजली देने की मांग रखी।

----------------------------------------------

बिजली की खराब स्थिति के पीछे क्या मुल कारण

1. डीवीसी व जेवीभीएनएल के बीच आपसी समन्वय नहीं है।

2. डीवीसी के दोनों पावर प्लांट कोयला की कमी से जूझ रहे हैं।

3. रेलवे ने नियम बदलकर रेल मार्ग से सीटीपीएस को कोयला आपूर्तिं बंद करा दिया, इससे ट्रांसपोर्टरों को फायदा हो रहा है।

4. घर-घर कनेक्शन देने से पहले डीवीसी से अतिरिक्त बिजली का करार नहीं हुआ, इसलिए पुरानी खपत के अनुरूप बिजली मिल रही है।

5. आरपीडीआरपी योजना के तहत काम करने वाली एजेंसी बिना प्लान के काम कर रही है।

6. बिजली सब स्टेशन से मनमाने ढंग से बिजली की कटौती होती है।

7. लोड शे¨डग का अब तक नहीं बना कोई टाइम टेबल ।

--------------------------------------------------

बाक्स मैटर

बोकारो इस्पात शहर में बिजली आने जाने का क्रम जारी

बोकारो :

बोकारो इस्पात के आवासीय क्षेत्र में बिजली की हालत गुरूवार को ज्यों की त्यों रही। 10 घंटे से 14 घंटे तक की बिजली कटौती का काम चल रहा है। बोकारो पावर सप्लाई कंपनी का उत्पादन गुरूवार को भी 200 मेगावाट की जगह 120 मेगावाट रहा। कोयले की कमी झेल रहे संयंत्र प्रबंधन उत्पादन बढ़ाने की स्थिति में नहीं है। सूत्रों की माने तो संयंत्र व शहर दोनों के लिए कम से कम दो सौ मेगावाट बिजली की जरूरत होती है। ऐसे में संयंत्र के साथ शहर के अलग-अलग स्थानों में बिजली अलग-अलग समय में आपूर्ति की जा रही है। एक-एक घंटा के अंतराल पर बिजली की कटौती हो रही है। जब तक बिजली की चोरी नहीं रूकेगी तब तक शहर की बिजली में सुधार संभव नहीं है। वहीं बोकारो इस्पात के बिजली विभाग बिजली चोरी रोकने में पूरी तरह फेल हो चुका है। विभाग के अधिकारी मैनपावर की कमी कानून व्यवस्था की समस्या जैसा बहाना बनाकर निर्बाध रूप से अतिक्रमण कर बसे लोगों को बिना पैसे की बिजली की आपूर्ति करवा रहे हैं। इससे प्रबंधन को जहां मासिक करोड़ों का घाटा लग रहा है तो वैध कनेक्शनधारियों को समय के अनुसार बिजली नहीं मिल रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.