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प्लॉट हड़पने के लिए भाई-बहन को बंधक बनाने के मामले की जांच सीआइडी को

जागरण संवाददाता, बोकारो : शहर के चर्चित नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके गुप्ता (धीरेंद्र कुमार गुप्ता

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 07:49 AM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 07:49 AM (IST)
प्लॉट हड़पने के लिए भाई-बहन को बंधक बनाने के मामले की जांच सीआइडी को
प्लॉट हड़पने के लिए भाई-बहन को बंधक बनाने के मामले की जांच सीआइडी को

जागरण संवाददाता, बोकारो : शहर के चर्चित नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके गुप्ता (धीरेंद्र कुमार गुप्ता) के मामले का अनुसंधान अब सीआइडी करेगी। राज्य मुख्यालय के आदेश पर बोकारो की सीआइडी इंस्पेक्टर रेखा चौधरी ने मंगलवार को इस मामले के अनुसंधान का जिम्मा ले लिया। इसके पहले पुलिस मामले का अनुसंधान कर रही थी। पुलिस ने पूरे मामले में क्लीनिक संचालक की पत्नी सुनीता कुमारी और पुत्र अनीष विशाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दोनों अभी न्यायिक हिरासत में ही हैं। डॉ. गुप्ता के खिलाफ पुलिस ने अदालत से गिरफ्तारी वारंट ली थी। गिरफ्तारी वारंट के बाद हाईकोर्ट से डॉ. गुप्ता को राहत मिल गई थी। इनकी गिरफ्तारी पर 11 दिसंबर तक कोर्ट ने रोक लगा दी थी। अदालत ने नो कोरेसिव स्टेप का आदेश दिया था। जेल भेजे गए क्लीनिक संचालक की पत्नी व बेटे के खिलाफ पुलिस हत्या के आरोप में आरोप पत्र भी समर्पित कर दी थी। ------------------------

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प्लॉट के मालिक को बंधक बनाकर रखने का लगा था आरोप

बताया जाता है कि को-ऑपरेटिव कॉलोनी के प्लॉट संख्या 229 में चलने वाले नव ज्योति क्लीनिक में डॉक्टर गुप्ता मरीजों का इलाज करते थे। इस प्लॉट में मेडिकल हॉल व क्लीनिक स्वर्गीय मंतोष गुप्ता के बाद इनकी पत्नी सुनीता कुमारी और पुत्र अनीष विशाल चलाते थे। प्लॉट के मालिक दीपू घोष व इनकी बड़ी बहन मंजू श्री घोष को इनके ही आवास में बंधक बनाकर रखने और जानलेवा हमला करने का आरोप डाक्टर व क्लीनिक संचालकों पर लगा था। आरोप था कि प्लॉट हड़पने के लिए आरोपियों पर भाई बहन को कई यातनाएं दी गईं। बीते 13 अगस्त को पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस पहुंची थी और दोनों भाई बहन को गंभीर हालत में इलाज के लिए बीजीएच पहुंचाई थी। इलाज के 42 दिनों बाद बीते 29 सितंबर को प्लॉट मालिक दीपू घोष की मौत हो गई वहीं इनकी बहन की हालत अभी भी गंभीर बताई जाती है। पुलिस अगस्त माह में ही डॉक्टर व क्लीनिक संचालकों के खिलाफ जानलेवा हमला के आरोप की प्राथमिकी दर्ज की थी। प्लॉट मालिक दीपू की मौत के बाद पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट ली। पुलिस पूरे मामले में जानलेवा हमला की धारा के साथ हत्या की धारा भी जोड़कर आरोप पत्र समर्पित की थी।

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संत जेवियर्स के पूर्व छात्रों के संगठन ने की थी मदद

प्लॉट मालिक दीपू व इनकी बहन मंजू श्री संत जेवियर्स स्कूल के छात्र थे। स्कूल के पूर्व छात्रों के संगठन बोस्का ने इन लोगों की मदद की। संगठन के संरक्षक राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण अनिल पालटा खुद भाई बहन का हाल जानने बोकारो आए थे तो दीपू की मौत के बाद भी पालटा यहां अंतिम संस्कार में शामिल होने आए थे। दीपू की मौत के बाद संत जेवियर्स के पूर्व व वर्तमान छात्रों ने कैंडल मार्च निकालकर न्याय की मांग की थी।


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